भोपाल। केन्द्र की तर्ज पर अब राज्य योजना आयोग का नाम भी बदलने की तैयारी है, इसके लिए केन्द्र द्वारा स्थापित नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति) की विस्तृत रूपरेखा और केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। नई व्यवस्था तक वर्तमान आयोग काम करता रहेगा। राज्य योजना आयोग ने अगले वित्तीय वर्ष २०१५-१६ के लिए ७५ फीसदी काम पूरा कर लिया है। ८ फरवरी तक संभागवार बैठकों का क्रम समाप्त हो जाएगा।१५ जनवरी से विभागवार बैठकें शुरू होंगी। आयोग का प्रयास है कि जनवरी अंत तक नए वित्तीय वर्ष का प्लान वित्त विभाग को सौंप दिया जाए। , जिससे सरकार बजट कार्य को अंतिम रूप दे सके। यानी प्रदेश में आयोग का नया स्वरूप नए वित्तीय वर्ष में ही आने की संभावना है। इसके नाम और काम पर भी चर्चा होना है।

सीएम ही रहेंगे अध्यक्ष
राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं। प्रस्तावित नए आयोग के अध्यक्ष भी सीएम होंगे। इसके अलावा उपाध्यक्ष सहित सदस्यों का चयन भी होगा। केन्द्रीय नीति में भी एेसी ही व्यवस्था है।

मुख्यमंत्री ने की ‘नीति” की तारीफ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ब्लॉग लिखकर योजना आयोग की जगह ‘नीति” के गठन की तारीफ की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए बधाई भी दी। उन्होंने लिखा कि यह सही समय पर उठाया गया सही कदम है। इसकी गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री बतौर सदस्य शामिल रहेंगे। इससे संघीय व्यवस्था मजबूत होगी।