नई दिल्‍ली। बीफ को भारतीय राजनीति का केंद्रीय मुद्दा बना देने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए आरटीआई के जरिए हुआ एक खुलासा असहज स्थिति पैदा कर सकता है। पता चला है कि देश में चल रहे डेढ़ हजार से भी ज्यादा बूचड़खानों में से अधिकतर बीजेपी शासित राज्यों में ही चल रहे हैं। भारत मांस निर्यात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया है जबकि अपनी चुनावी कैंपेन में ‘गुलाबी क्रांति’ को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्कालीन मनमोहन सरकार को घेरते नजर आते थे।

मुंबई में इस समय पर्यूषण पर्व को लेकर मीट और मछली की दुकानें बंद करा दी गई हैं लेकिन वही महाराष्ट्र देश में मांस उत्पादन में नंबर वन है और वहां सबसे अधिक बूचड़खाने चल रहे हैं। दिलचस्‍प बात यह है कि मांसाहार को लेकर नॉर्थ ईस्‍ट की ओर सबसे ज्यादा उंगलियां उठती हैं जबकि वहां सबसे कम स्‍लाटर हाउस हैं। जानकार इसे लेकर पार्टी और सरकार के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं और इसे कथनी-करनी का अंतर करार देते हैं।

पॉलिटिक्स बीफ की, पॉलिसी बूचड़खाने की, RTI से सामने आया BJP सरकारों का हैरान करने वाला सच!

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सार्वजनिक रूप से बयान दे चुके हैं कि बीफ खाने वाले उनके राज्य में न आएं लेकिन 21 जिले वाले इस छोटे से राज्य में भी 36 बूचड़खाने चल रहे हैं।

फरीदाबाद निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता रविंद्र चावला ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य पालन विभाग में आरटीआई डालकर पूछा था कि किस राज्‍य में कितने स्‍लॉटर हाउस हैं। उनमें पशुओं के काटने के नियम क्‍या हैं। इसका जो जवाब आया वह हैरान करने वाला था। क्योंकि मांसाहार को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताने वाली भाजपा के शासन वाले राज्‍यों में सबसे ज्‍यादा स्‍लॉटर हाउस हैं। देश भर में कुल 1623 स्‍लॉटर हाउस बताए गए हैं जिनमें से 675 तो भाजपा के शासन वाले राज्‍यों में हैं। अकेले महाराष्ट्र में ही 316 कसाईखाने हैं। 285 इकाइयों के साथ यूपी दूसरे नंबर पर है लेकिन ऐसे टॉप टेन राज्यों में महाराष्ट्र को छोड़कर भाजपा शासित तीन और राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब शामिल हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सार्वजनिक रूप से बयान दे चुके हैं कि बीफ खाने वाले उनके राज्य में न आएं लेकिन 21 जिले वाले इस छोटे से राज्य में भी 36 बूचड़खाने चल रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह क्षेत्र गुजरात में भी 38 इकाइयों में पशुओं का मांस निकालने का काम किया जाता है। रवींद्र चावला का कहना है कि अपने आपको पशु प्रेमी बताने वाली पार्टी के शासन वाले राज्‍यों में सबसे ज्‍यादा स्‍लाटर हाउस की संख्‍या हैरान करती है। टॉप टेन राज्‍यों में चार भाजपा के ही हैं। दरअसल, सत्‍ता में बैठे लोगों की कथनी और करनी में भारी अंतर है।

सामाजिक कार्यों के लिए पदमश्री से सम्‍मानित ब्रह्म दत्त का कहना है कि हिंदुत्‍व के एजेंडे पर तो भाजपा सत्‍ता में आती है, कुर्सी मिलने के बाद बिजनेस हित देखती है इसीलिए वह कसाईखानों को बंद करने में नाकाम रही है। यह तो और ताज्‍जुब की बात है कि उनके शासन वाले राज्‍यों में स्‍लॉटर हाउस ज्‍यादा हैं जिनके संगठनों ने पशु वध को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा रखा है।

भाजपा प्रवक्‍ता श्रीकांत शर्मा का कहना है कि महाराष्‍ट्र और हरियाणा में उनकी पार्टी की सरकार हाल ही में आई है। उसने स्‍लाटर हाउसों को लाइसेंस नहीं दिया। भाजपा शासित राज्‍यों में गोहत्‍या पर पूर्णतया प्रतिबंध है। इसी प्रकार देश से गाय व बछड़े के मांस के निर्यात पर रोक है। स्‍लॉटर हाउसों में भैंस, भैंसे और बकरी का मांस निकलता है, वह वैध है इसलिए कोई भी सरकार उस पर कैसे रोक लगा सकती है। स्‍लॉटर हाउसों में गाय और बछड़े को नहीं काटा जा रहा है।