नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सरकारी बंगलों पर काबिज उत्तरप्रदेश के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को झटका देते हुए कहा कि उन्हें बंगला खाली करना होगा।
 न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने गैर-सरकारी संगठन लोक प्रहरी की याचिका का निपटारा करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला देने की व्यवस्था की गई थी।
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 न्यायालय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मिले बंगले खाली करने होंगे। खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने के लिए दो माह का वक्त दिया है। ये बंगले लखनऊ में हैं।
 आजीवन बंगला पाने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों में सर्वश्री एन डी तिवारी, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राम नरेश यादव तथा मायावती शामिल हैं।
 लोक प्रहरी ने 2004 में शीर्ष अदालत में इस आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि यह आदेश रद्द किया जाए और अगर इसे जारी रखा गया तो बाकि राज्यों पर भी इसका असर पड़ेगा। न्यायालय ने सुनवाई के बाद नवंबर 2014 में फैसला सुरक्षित रख लिया था। (वार्ता)