पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन्होंने यूपी को लूटा है उन्हें चुन-चुनकर लोग साफ करने में लगे हैं.
महाराजगंज: पीएम मोदी का यूपी में अंतिम दो चरणों के मतदान के लिए प्रचार कार्यक्रम जारी है. महाराजगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन्होंने यूपी को लूटा है उन्हें चुन-चुनकर लोग साफ करने में लगे हैं. यूपी की जनता 15 साल का गुस्सा निकाल रही है. मैं देश भर में स्वच्छता अभियान चला रहा हूं, लेकिन यूपी की जनता ने राजनीति की गंदगी को साफ कर दिया है. इंद्रधनुष के 7 रंगों की तरह यूपी चुनाव के 7 चरण हैं. अब छठे और सातवें चरण में जनता को बीजेपी को बोनस देना है.
राहुल गांधी पर कटाक्ष
राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस में एक नेता हैं जो बड़े कमाल के हैं. उन्होंने मणिपुर में किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की कि वे नारियल का जूस निकालेंगे और इसे इंग्लैंड में बेचेंगे. गरीब से गरीब बच्चे को भी मालूम होता है अनार, संतरे का जूस होता है, लेकिन नारियल का पानी होता है. वह कहते हैं कि नारियल से जूस निकालेंगे.अब कांग्रेस के पास ऐसे होनहार लोग है जो यूपी में कहते हैं आलू की फैक्ट्री लगाएंगे. नारियल का जूस बेचेंगे, इनसे आपको कौन बचाएगा बताइए. (नोटबंदी के बाद अब जुबान-बंदी और सोच-बंदी चाहती है मोदी सरकार : कांग्रेस)
पीएम ने कहा कि यह चुनाव भाई-भतीजावाद से मुक्ति का और सबको समान अवसर मिले इसके लिए है. यह चुनाव भेदभाव की रेखाओं को मिटाने वाला चुनाव है
.यूपी की वेबसाइट का दिया यह उदाहरण
यूपी के मुख्यमंत्री छह महीने से बोल रहे हैं कि काम बोल रहा है. आप बताएं कि काम बोल रहा है या कारनामें बोल रहे हैं. यूपी सरकार की वेबसाइट कहती है कि कारनामा बोलता है. यूपी की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश में जिंदगी बहुत छोटी होती है और कब मर जाए कोई भरोसा नहीं है. यह मैं नहीं कह रहा है, ना यमराज की कोई चिट्ठी आई है, यह खुद यूपी सरकार की साइट कहती है. यूपी की हालत अफ्रीका में सहारा के रेगिस्तान जैसी है. अब मेरा भाषण पूरा होते ही अफसरों पर गाज गिरेगी. (अखिलेश ने फिर किया प्रधानमंत्री पर पलटवार- मोदी तार छूकर देख लें उसमें करंट है या नहीं)
हार्वर्ड और हार्डवर्क में क्या फर्क होता है
हमारे विरोधी कहते हैं कि जब देश आगे बढ़ रहा था तो उस समय नोटबंदी करके देश की गति को चौपट क्यों कर दिया. लेकिन देश ने देख लिया है कि हार्वर्ड और हार्डवर्क में क्या फर्क होता है. एक तरफ वो हैं जो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की बात करते हैं और एक तरफ ये गरीब का बेटा है तो हार्डवर्क से देश की इकोनॉमी बदलने में लगा है. देश ने देख लिया है कि हार्वर्ड वालों की सोच क्या होती है और हार्ड वर्क वालों की सोच क्या होती है.