नप्र)। ‘प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को विकास की परिभाषा ही पता नहीं है। इसीलिए देश रसातल में जा रहा है।विकास केवल धर्म के अध्ययन से हो सकता है।भौतिक शास्त्र पूरा वेदों पर निर्भर है, बिना वेद के विज्ञान की परिभाषा शून्य है। पीएम अपनी संस्कृति को बचाएं।’यह बात रविवार को पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने धर्मसभा में कही।वे भेल स्थित छत्रसाल नगर में लोगों के धर्म संबंधी जिज्ञासाओं का समाधान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के प्रति आस्था उत्पन्न की गई जिससे गौवंश के प्रति आस्था कम हुई। बास्केटवॉल बनाने के लिए लाखों की संख्या में गौ हत्याएं हो रही हैं। शंकराचार्य ने इसे षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि सरकार आज तक इसका विकल्प नहीं ढूंढ़ पाई। शंकराचार्य ने कहा कि देश में हिंदुओं ने सभी कम्युनिटी को उदारतापूर्वक जगह दी। लेकिन पारसी को छोड़ किसी भी कम्युनिटी ने कृतज्ञता नहीं समझी।भारत में ज्ञान-विज्ञान का भंडारमहाराज ने कहा कि लाखों रुपए खर्च करने केबाद जो ज्ञान-विज्ञान विदेशों में नहीं मिल सकता, वह ज्ञान भारत में बिना खर्च किए ही वेदों और मनीषियों के पास है। लेकिन भारत के लोग इसे नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य ने कहा कि तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने ज्योतिष शास्त्र और वैदिक शास्त्र को सांप्रदायिक बताकर पाठयक्रम से हटवा दिया था। आज के युवा धर्म से दूर जा रहे हैं के सवाल पर महाराज ने कहा कि मां बाप समझते हैं कि वेद पढ़ने से उनके बच्चे कहीं बाबा न बन जाएं। इसलिएशुरू से ही बच्चे अपने धर्म, वेद से दूर रहते हैं। वैज्ञानिक खुद मानते हैं कि विज्ञान वेदों की देन है। महाराज ने कई सवालों के जवाब दिए।——-भाजपा व कांग्रेस को चेतावनीशंकराचार्य ने कहा कि कांग्रेस ने 60 साल तक सत्ता में रही फिर अब भाजपा सत्ता में है। दोनों पार्टियों को अपना मंथन कर सफाई करनी चाहिए। महाराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि अन्यथा दोनों रसातल में जाने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि हम मुर्दा नहीं हैं, बल्कि प्रज्ज्वलित अग्नि हैं। शासकों पर शासन करने के लिए शंकराचार्य का पद होता है हम अपना दायित्व भूले नहीं हैं। महाराज ने स्वच्छ राजनीति की परिभाषा का उल्लेख किया।तीन क्रांति ने देश को पहुंचाया नुकसानस्वामी ने कहा कि स्वतंत्रता से अब तक देशमें में तीन प्रमुख क्रांतियां हुई हैं- पहला गांधी की क्रांति, जिसके कारण देश काविभाजन हुआ और रक्तपात हुआ। दूसरी क्रांति विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायणकी क्रांति थी, जिसके कारण बिहार और उप्र आज भी रसातल में हैं। तीसरी क्रांति अन्ना हजारे ने की थी, जिसके मंथन से केजरीवाल ओर बेदी का उदय हुआ और दिल्ली डूब गई। उन्होंने कहा कि स्वच्छ क्रांति तो धर्माचार्य ही लाते हैं। जैसे रावण, कंश, हिण्यकश्यप का अंत हुआ।——–मिलकर राममंदिर बनाना ही रास्तास्वामी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि कानूनी प्रक्रिया में मंदिर निर्माण कब होगा, होगा या नहीं होगा, यह कहना कठिन है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस को मिलकर रास्ता निकालें, यही विकल्प हो सकता है। स्वामी ने गंगा और शिप्रा नदी को दूषित होने के पीछे एक षड्यंत्र बताया।