नरेंद्र मोदी भारत का प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद अपने पहले विदेश दौरे पर भूटान जाएंगे. पीएम पद की शपथ लेने के बाद से ही मोदी के पास दूसरे देशों से न्‍योते आने शुरू हो गए हैं.दूसरे देशों के साथ संबंध बेहतर बनाने के लिए नरेंद्र मोदी ने इन न्‍योतों को स्‍वीकार करना शुरू कर दिया है. इससे पहले खबर थी कि मोदी अपने पहले विदेश दौरे में जापान जाएंगे, लेकिन गुरुवार को पुष्टि हो गई कि वह अपने दौरों की शुरुआत भूटान से करेंगे.

सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि मोदी भूटान के दौरे पर जाएंगे और मुख्य द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर वहां के नेतृत्व से वार्ता करेंगे. मोदी का दौरा भूटान के साथ भारत के संबंधों की महत्ता को दर्शाता है जहां के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे 26 मई को मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले दक्षेस नेताओं में शामिल थे. शपथ ग्रहण के बाद मोदी ने भूटान के नेता के साथ संक्षिप्त द्विपक्षीय बैठक की थी. मोदी के मध्य जुलाई में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील की यात्रा करने की संभावना है.

सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र मोदी की भूटान दौरे की तैयारी भी शुरू हो गई है. इसके लिए विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम थिंपू जा रही है. मोदी संसद के पहले दौर की बैठक खत्‍म करके थिंपू के लिए जल्‍द रवाना होंगे.

अपने शपथ ग्रहण में सार्क देशों को न्‍योता देकर नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध अच्‍छे रखने के संकेत दिए थे और इसकी शुरुआत वह अपने विदेश दौरों से कर रहे हैं. मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा का न्‍योता भी स्‍वीकार कर लिया है. मोदी सितंबर की 25 से 30 तारीख के दौरान ओबामा से मुलाकात करेंगे.