परीक्षार्थी के पिता प्राचार्य, माता प्राध्यापक, भाई अतिथि शिक्षक
मंदसौर। राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय में नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। विक्रम विश्वविद्यालय के नियमों का प्राचार्य द्वारा ही पालन नहीं किया जा रहा है। महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ. ज्ञानचंद खिमेसरा की पत्नी प्राध्यापक है। साथ ही उनके पुत्र आशीष खिमेसरा यहीं पर अतिथि शिक्षक हैं। डॉ. खिमेसरा के एक अन्य पुत्र अब इसी कॉलेज में बीएएमएस की परीक्षा दे रहे हैं। विवि के कुलपति का कहना है कि इस तरह के मामलों में प्राचार्य को तत्काल विवि को सूचना देना चाहिए।
वर्ष 2005 में भी ऐसे ही मामले में विवि टीम की निगरानी में परीक्षा हुई थी। राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय में मंदसौर इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एजुकेशन एंड रिसर्च मंदसौर के बीएएमएस की वार्षिक परीक्षा हो रही है। प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के करीब 180 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं। इन विद्यार्थियों में राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ज्ञानचंद खिमेसरा एवं प्राध्यापक गुणमाला खिमेसरा के पुत्र आशीष खिमेसरा भी परीक्षा दे रहे हैं।
शासन के नियमानुसार ऐसे मामलों में प्राचार्य और प्राध्यापक को लिखित में विवि को जानकारी देना होती है। इसके बाद परीक्षार्थी का सेंटर बदला जाता है या परिजनों को अवकाश दिया जाता है या बाहर से टीम भेजकर परीक्षा की कमान सौंपी जाती है। प्राचार्य और उनकी पत्नी ने विवि को ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है। नियमों के विरुद्ध महाविद्यालय में परीक्षा कराई जा रही है।
विवि टीम की उपस्थिति में हुई थी परीक्षा
वर्ष 2005-06 में भी प्राचार्य डॉ. ज्ञानचंद खिमेसरा की पुत्री इसी महाविद्यालय में एमए अंग्रेजी द्वितीय वर्ष की परीक्षा दे रही थी। शिकायत होने पर विवि के तत्कालीन कुलपति रामराजेश मिश्र ने परीक्षा प्रमुख टीआर थापक की अध्यक्षता में टीम का गठन कर भेजा था। टीम परीक्षा के दौरान प्रतिदिन सुबह महाविद्यालय पहुंचती थी। टीम की उपस्थिति में पेपर खुलते और परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका टीम अपने साथ ले जाया करती थी।
विक्रम विवि के कुलपति डॉ. एसएस पांडेय से सीधी बात
सवाल : क्या प्राचार्य अपने महाविद्यालय में अपने पुत्र की परीक्षा करा सकता है?
जवाब : उन्हें लिखित में विवि को सूचित करना होता है अनुमति के बाद ही वह परीक्षा करा सकते हैं।
सवाल : राजीव गांधी महाविद्यालय मंदसौर में प्राचार्य के पुत्र परीक्षा दे रहे हैं?
जवाब : मामले की जानकारी नहीं है।
सवाल : क्या अभी प्राचार्य ने विवि से अनुमति मांगी है?
जवाब : अभी भोपाल से उज्जैन जा रहा हूं। रजिस्ट्रार से चर्चा कर कागज देखने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा?
सवाल : बिना अनुमति के परीक्षा कराने पर क्या कार्रवाई बनती है?
जवाब : यह कागज व नियम देखने के बाद ही बता पाऊंगा।
सवाल : प्राचार्य के दोषी मिलने पर कब तक कार्रवाई की जाएगी?
जवाब : आपने जानकारी देकर हमारी मदद की है। हमारी जिम्मेदारी है कि आगे क्या कार्रवाई करें। 4 मार्च को दोपहर 2 बजे तक नियमों को देख कर कार्रवाई के बारे में बता पाऊंगा।
हां मैं गया था
2005 की बात काफी पुरानी हो गई है। ज्यादा कुछ याद नहीं है लेकिन हम परीक्षा लेने के लिए जरूर गए थे। उत्तर पुस्तिकाएं हम साथ में विवि लाते थे। उस समय मैं परीक्षा प्रमुख था। उसके बाद कुलसचिव रहा, अब तो फीस नियामक आयोग का अध्यक्ष बन गया हूं। इसलिए उस विषय में अधिक जानकारी भी नहीं है।
– टीआर थापक, अध्यक्ष, फीस नियामक आयोग, विक्रम विवि, उज्जैन
ऐसी कोई समस्या नहीं है। पुत्र परीक्षा दे रहा है तो कोई बात थोड़े ही है। मैं परीक्षा का अधीक्षक नहीं हो सकता हूं, जो मैं नहीं हूं। 2005 में भी मैं परीक्षा अधीक्षक नहीं था।
– डॉ. ज्ञानचंद खिमेसरा, प्राचार्य, राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय, मंदसौर
प्राचार्य ही बताएं
29 फरवरी से बीएएमएस की वार्षिक परीक्षा प्रारंभ हुई है, जो 26 मार्च तक चलेगी। इसमें 180 विद्यार्थी शामिल हैं। दो-तीन साल से परीक्षा करा रहा हूं। प्राचार्य के पुत्र परीक्षा दे रहे हैं तो प्राचार्य को क्या करना चाहिए, यह वहीं बता पाएंगे। मैं तो अपने बारे में बता सकता हूं।