पढ़ा-लिखा याकूब कैसे बन गया आतंकी
मल्टीमीडिया डेस्क। 1993 के मुंबई आतंकी हमलों के दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी की तारीख मुकर्रर हो गई है। सबकुछ ठीक रहा तो 30 जुलाई को सुबह 7 बजे इस आतंकी को फांसी पर टांग दिया जाएगा। याकूब की कहानी बड़ी अजीब है। वह अपने घर में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा था, पेशर से चार्टर्ड अकाउंटेट था, फिर भी आतंकी की राह पर चल पड़ा। एक नजर याकूब से जुड़ी अहम बातों पर –
- याकूब को नेपाल पुलिस ने काठमांडू से गिरफ्तार किया था। इसके बाद भारत के हवाले कर दिया गया था। तब से वह भारत की गिरफ्त में है।
- वह एक अकाउंटिंग फर्म चलाता था। साथ ही अपने भाई टाइगर मेमन के गैर-कानूनी धंधों का हिसाब-किताब रखता था। टाइगर मेमन मुंबई हमलों का मुख्य अभियुक्त है जो फरार है।
- याकूब ने भी अपने काम के जरिए अच्छा पैसा कमाया और मुंबई की अल-हुसैनी बिल्डिंग में छह फ्लैट खरीद लिए थे। यहां टाइगर मेमन के दो डूप्लेक्स थे।
- याकूब मेमन ने पिछले साल एमए सेकंड ईयर की परीक्षा दी है। उसने 2013 में इग्नू से अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है।