नौ चरणों में मतदान, 16 मई को नतीजे
चुनाव आयोग ने अगले लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजा दी है। अब तक के सबसे ज्यादा नौ चरणों में होने जा रहे चुनाव की आगाज सात अप्रैल से होगी। 12 मई संपन्न होने वाले चुनाव के नतीजे 16 मई को आएंगे। उत्तर प्रदेश और बिहार में छह चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। वहीं आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ होंगे।
उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राजनीतिक संवेदनशील राज्यों को लेकर चुनाव आयोग ने विशेष रणनीति तय की है। ध्यान रहे कि इन राज्यों में जातिगत स्तर पर भेदभाव की शिकायतें भी ज्यादा रहती हैं। इन दोनों राज्यों में सबसे ज्यादा छह चरणों में मतदान होगा। हालांकि, मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने यह स्पष्ट कर दिया कि पिछली बार के मुकाबले इस बार पूरी प्रक्रिया तीन दिन पहले खत्म हो रही है।
चुनावों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई है। संपत ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि चुनाव प्रचार के दौरान आरोप-प्रत्यारोप में जुबान का ख्याल रखें। ध्यान रहे कि हाल के चुनाव प्रचार में भी जहरीले, नपुंसक, सांप्रदायिक जैसे शब्दों का प्रयोग जमकर हुआ है।
लोकसभा चुनाव के साथ-साथ तीन राज्यों की विधानसभा और उत्तर प्रदेश, बिहार समेत आठ राज्यों की 23 विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव भी होंगे। नतीजे एक साथ 16 मई को ही घोषित होंगे।
81 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के साथ आगामी चुनाव के लिए आयोग ने पुख्ता इंतजाम भी किए हैं। पिछली बार के मुकाबले एक लाख ज्यादा मतदान केंद्र होंगे। संपत के मुताबिक, आचार संहिता, खर्च और सुरक्षा व्यवस्था पर चौकस नजर रहेगी। संवेदनशील आयोजनों, महत्वपूर्ण चुनाव प्रचार, ईवीएम की तैयारी और उसके स्टोरेज जैसी घटनाओं की भी वीडियोग्राफी होगी। चुनाव व्यवस्था में 1.10 करोड़ कर्मी लगेंगे। इनमें आधे सुरक्षाकर्मी होंगे। टोल फ्री नंबर 1950 पर शिकायतों का निपटारा होगा। समयबद्ध रूप से उस पर सुनवाई होगी और कार्रवाई की सूचना मोबाइल पर भेजी जाएगी।
चुनाव खर्च सीमा में इस बार प्रत्याशियों को थोड़ी राहत मिली है। अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में उम्मीदवार चुनाव में 70 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे।
नामांकन में चूक पर मिलेगा मौका
प्रत्याशियों के लिए एक और राहत है। इलेक्ट्रॉनिक नामांकन का भी विकल्प खोला गया है। अगर कोई कॉलम खाली रह जाता है तो रिटर्निग आफिसर संबंधित प्रत्याशी को नोटिस देकर दूसरा नामांकन भरने की इजाजत देगा। दूसरी बार भी चूक हुई तो नामांकन निरस्त हो जाएगा।
नोटा का इस्तेमाल
हाल के विधानसभा चुनावों में तो नोटा (नन आफ द एबव) का इस्तेमाल हो चुका था। लेकिन पहली बार लोकसभा में भी वोटरों के पास अधिकार होगा कि वह सभी उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करें।
वोटिंग की रसीद
ईवीएम के नतीजों पर भी यदाकदा शक जताया जाता रहा है। इसका इलाज ढूंढ़ लिया गया है। वोटिंग के बाद ईवीएम से रसीद भी निकलेगी। हालांकि इस चुनाव में यह सुविधा हर किसी के लिए नहीं होगी। दरअसल फिलहाल ऐसी सिर्फ 600 मशीन है। जबकि 31 मार्च तक आयोग के पास अतिरिक्त 20 हजार मशीन आ जाएगी।
हवाई घोषणाओं पर पाबंदी
घोषणापत्र में मुफ्त उपहार बांटने से लेकर दिवास्वप्न दिखाने जैसी कई घोषणाएं वोटरों को लुभाती रही है। लेकिन इस बार चुनाव आयोग के दिशानिर्देश में ही घोषणापत्र बनाना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को दिशानिर्देश जारी कर दिया है।