निदा खान भड़कीं- मौलवी कौन होते हैं इस्लाम से खारिज करने वाले?
हलाला, तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली बरेली के आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान के खिलाफ फतवा जारी करके उन्हें इस्लाम से बहिष्कृत कर दिया गया है. फतवे को लेकर निदा खान ने कहा, ‘मौलवी कौन होते हैं हमें इस्लाम से बाहर करने वाले.’
निदा खान ने कहा, ‘हमारे खिलाफ जो फतवा दिया गया है वो हमसे निजी दुश्मनी निकालने के लिए किया गया है. शरियत की आढ़ लेकर ये मौलाना लोग धर्म की ठेकेदारी कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘किसी मुस्लिम को इस्लाम से खारिज करने की हैसियत किसी की नहीं है. सिर्फ अल्लाह ही गुनहगार और बेगुनाह का फैसला कर सकता है.
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. केंद्र और राज्य सरकार से मांग करते हैं कि फतवा जारी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएं. हलाला, तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हम इन धर्म के ठेकेदारों से डरने वाले नहीं हैं.
निदा खान ने फतवा जारी करने वालों को पाकिस्तान चले जाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है. यहां दो कानून नहीं चलेंगे.
हुक्का-पानी बंद
सोमवार को बरेली के शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने दरगाह आला हजरत परिसर के दारुल इफ्ता विभाग के जरिए निदा के खिलाफ फतवा जारी किया था. मुफ्ती अफजाल रजवी के दस्तखत से जारी फतवे में कहा गया था कि निदा इस्लामिक कानून का विरोध कर रही हैं, लिहाजा उनका ‘हुक्का-पानी’ बंद कर दिया गया है. निदा की मदद करने वाले और उससे मिलने-जुलने वाले मुसलमानों को चेतावनी दी गई है कि ऐसा करने वालों को भी इस्लाम से खारिज कर दिया जाएगा.
दो गज जमीन पर भी बैन
मुफ्ती आलम ने बताया था कि फतवे के मुताबिक निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उसको दवा भी नहीं दी जाएगी. निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है. इतना ही नहीं निदा की मृत्यु होने पर उसे कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है.
अाला हजरत परिवार में निदा की हुई थी शादी
गौरलतब है कि निदा की शादी आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से 16 जुलाई 2015 को हुई थी. बाद में पांच फरवरी 2016 को उनका तलाक हो गया. उसके बाद निदा ने अदालत का सहारा लिया और वह अन्य तलाकशुदा महिलाओं के लिए भी आंदोलन कर रही हैं. उन्होंने तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ भी अभियान छेड़ रखा है.