नई दिल्ली: राज्यसभा में गुरुवार को विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की महाराष्ट्र में हो रही प्रशंसा के मुद्दे को उठाया। कांग्रेस नेता हुसैन दलवी ने कहा, “नाथूराम गोडसे शौर्य दिवस महाराष्ट्र में मनाया जा रहा है…” उन्होंने कहा कि इससे संबंधित कार्यक्रम में दो विधायकों को न्योता दिया गया है।दलवी ने कहा कि इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, “वे जान-बूझकर राष्ट्रपिता के हत्यारे का शौर्य दिवस मना रहे हैं… उन्होंने आगरा में जबरन धर्मांतरण किया और अब यह कर रहे हैं…” उन्होंने कहा, “मैंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इसके संबंध में पत्र लिखा है…”इसके बाद सदन में सदस्यों को हंगामा करते देखा गया और अन्य विपक्षी पार्टी के सांसद भी इसमें शामिल हो गए। कुछ सांसद सभापति की आसंदी के करीब जमा हो गए और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार महात्मा गांधी के हत्यारे का किसी भी रूप में समर्थन नहीं कर रही है। नकवी ने कहा, “इस तरह की भाषा अस्वीकार्य है…”हंगामा इसके बाद भी जारी रहा, जिसके बाद उप सभापति पीजे कुरियन ने दोपहर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, हंगामा जारी रहा, जिसके बाद एक बार फिर कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
दूसरी बार हुए स्थगन के बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि सरकार महात्मा गांधी के हत्यारे का समर्थन नहीं करेगी और पूरे सदन को इस मुद्दे पर एकजुट होकर बोलना चाहिए। शर्मा ने कहा, “विपक्ष भी सदन की कार्यवाही चाहता है… सरकार कभी भी राष्ट्रपिता के हत्यारे की प्रशंसा को स्वीकार नहीं करे… सदन को एक आवाज में बात करनी चाहिए… हमें एक आवाज में इसका विरोध करना होगा…”

इधर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि गोडसे की प्रशंसा का सवाल ही पैदा नहीं होता। नायडू ने कहा, “किसी भी व्यक्ति द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे की प्रशंसा करने वाले शब्द को स्वीकारने का सवाल पैदा नहीं होता… ऐसे लोगों के साथ किसी के जुड़ने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता… मैं ऑन रिकार्ड यह बात कह रहा हूं…”