धौनी की इस हिम्मत को देखकर अंग्रेज भी हैरान
आमतौर पर जब कोई टीम विदेश जाती है तो वो ऐसे हालातों की दुआ करती है जो उसके खिलाड़ियों के लिए फिट हों। अगर चीजें स्वदेश से मिलती-जुलती मिल जाएं तो फिर तो क्या कहने, लेकिन हकीकत यही है कि आमतौर पर ऐसा होता नहीं। कोई भी मेजबान टीम अपने हालातों का फायदा उठाने के लिए ज्यादा से ज्यादा उन चीजों को बढ़ावा देती है जो विरोधी टीम के लिए मुश्किलें पैदा करे। इसी कड़ी में सबसे प्रमुख चीज होती है मैदान पर मौजूद 22 गज की वो सूखी पंट्टी जिसे हम पिच कहते हैं। टीम इंडिया का भी इतिहास रहा है कि विदेशी हालातों में वे जल्दी ढल नहीं पाते, नतीजतन जीत मिलना बहुत मुश्किल हो जाती है लेकिन इस इंग्लैंड दौरे पर कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कुछ ऐसा किया है जिसने अंग्रेजों को असमंजस में डाल दिया है और फैंस को भी। आज शुरू होने वाले लॉर्ड्स टेस्ट से पहले आखिर धौनी ने ऐसा क्या कहा है, आखिर क्या है ये चीज…
दरअसल, टीम इंडिया इंग्लैंड पहुंचकर जब पहला टेस्ट खेलने उतरी तो उसे नॉटिंघम में एक ऐसी पिच मिली जो कहीं ना कहीं भारतीय हालातों से मेल खाती थी। मैच तो ड्रॉ रहा लेकिन बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने जिस अंदाज में इसका फायदा उठाया वो काबिलेतारीफ था। मैच के बाद लगा कि शायद मौसम को देखते हुए आगे के मैचों में भी पिचें कुछ ऐसी ही रहेंगी और टीम इंडिया की मौज हो जाएगी। इंग्लैंड इससे घबरा रहा था इसलिए कप्तान से लेकर सभी अंग्रेज खिलाड़ियों ने पिचों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अपने माफिक पिचों की मांग की क्योंकि वो मेजबान हैं।
..और फिर आया धौनी का मास्टर स्ट्रोक:
चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब इंग्लिश कप्तान एलेस्टर कुक के साथ सुर में सुर मिलाते हुए टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी ने भी इंग्लैंड के हालातों वाली तेज तर्रार पिचों की मांग कर डाली। अंग्रेज भी हैरान रह गए क्योंकि दो साल पहले उसी तरह की पिचों पर भारतीय टीम 0-4 से हारकर लौटी थी। फॉर्म से बाहर चल रही मेजबान टीम इंग्लैंड द्वारा ऐसी पिचें की मांग तो जायज लगती है, लेकिन सबकी जुबां पर यही सवाल है कि आखिर धौनी ने ऐसी पिचें क्यों मांगी जबकि सीरीज की शुरुआत इतनी शानदार हुई थी और दूसरे टेस्ट में भी धीमी पिच तैयार किए जाने की ही चर्चा थी।
क्या यही है रणनीति?:
धौनी ने तेज पिचों की मांग के पीछे कारण तो यही रखा कि वो अच्छे मैच चाहते हैं जहां नतीजे निकलें लेकिन क्या यही हकीकत है या फिर इसके पीछे एक सोची-समझी रणनीति है। धौनी जानते हैं कि मानसिक रूप से पहले टेस्ट में वो इंग्लिश टीम पर हावी रहने में सफल रहे हैं और अगर इंग्लिश खिलाड़ियों व कप्तान के जहन में इस तरह कीअसमंजस वाली सोच अभी से डाल दी जाए तो अगले मुकाबलों में इसका फायदा टीम को ही मिलेगा। ताकि मेजबान टीम को जताया जा सके कि भारतीय टीम पूरी तरह तैयार है और उन्हें इन पिचों का कोई डर नहीं। वहीं, 2015 करीब है और अगला विश्व कप भी विदेशी पिचों (ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड) पर ही है, इसके अलावा आने वाले समय में भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी जाना है, ऐसे में इस युवा टीम इंडिया को विदेशी पिचों के हिसाब से फिट बनाने के लिए भी धौनी अब तेज तर्रार पिचें ही चाहते हैं। खैर, जो भी हो लेकिन ये तय है कि आज शुरू होने वाले लॉर्ड्स टेस्ट में इसका असर इंग्लिश खिलाड़ियों पर जरूर नजर आएगा, क्योंकि अगर पिच धीमी रही तो ये भारतीय टीम के हित में वैसे ही रहेगी और अगर तेज रही तो ये उनकी रणनीति का हिस्सा होगा।




