धमाके में उड़ गया हाथ-पैर, जिंदगी से नहीं मानी हार
बीजिंग। चीन के गुईझोऊ के रहने वाले चेन पटाखों की फैक्ट्री में काम करते थे। साल 2001 में दक्षिण पश्चिमी चीन की फैक्ट्री में हुए धमाके में उनका दायां पैर और हाथ उड़ गया। मगर, उन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी।
सिर में पेन फंसाकर उन्होंने पेंट करना सीखा। अब वह सड़क के किनारे लेटकर सिर से क्लासिक कविताएं लिखते हैं।वह सिर पर पेन फंसाकर कविताएं लिखते हैं, जिन्हें स्थानीय लोग खरीदते हैं।
इससे जो पैसे मिलते हैं, उससे वे अपने बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं। उनकी बेटी यूनिवर्सिटी में पढ़ती है, जबकि बेटा सेकंड्री स्कूल का छात्र है। कविताओं को लिखने के दौरान वह पेपर को उड़ने से रोकने के लिए पत्थर से दबा देते हैं।
कैलीग्राफी की प्राचीन कला आज भी चीन में काफी लोकप्रिय है और कई लोग इसका अभ्यास करते हैं। माना जाता है कि यह कला करीब 2000 साल पुरानी है।