मुंबई। विवादित बयानों को लेकर चर्चा में बनी रहने वाली शिवसेना का एक और विवादित बयान सामने आया है। महाराष्ट्र में मदरसों को स्कूल श्रेणी से बाहर किए जाने के बाद बीजेपी सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में मुसलमानों की जनसंख्या का मामला उठाया है।

मुखपत्र के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या के कारण देश की एकता में दरार आ सकती है। मुसलमान देश के कानून का पालन करते हुए परिवार नियोजन अपनाएं।

एनडीए सरकार की अभिन्न सहयोगी शिवसेना के अनुसार, मुसलमानों को यह बात पीएम नरेंद्र मोदी को कहनी होगी। शिवसेना ने असम व पूर्वोत्तर राज्यों में मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या का जिक्र करते हुए हरियाणा व दिल्ली जैसे राज्यों में मुसलमानों की जनसंख्या का मामला भी उठाया है।

शिवसेना का मत है कि अगर मुसलमान स्वयं को भारतीय मानते हैं तो उन्हें देश का कानून मानना चाहिए जो परिवार नियोजन है। लेख के अनुसार, पार्टी का मानना है कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार व पीएम मोदी मुसलमानों को बताएं और निर्देश दें कि वे नियमों व कानूनों का पालन करते हुए जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग करें।