भोपाल। हाल ही में जारी की गई एक किताब में सामने आया है कि भोपाल की नवाब सुल्तान जहां बेगम देश की पहली ऐसी महिला थीं, जिन्होंने उर्दू भाषा में ऑटोबायोग्राफी लिखी थी। भोपाल के इतिहास में शामिल इस रोचक तथ्य को सामने लाई हैं भोपाल की डॉ. शबाना सलीम। शोध पर आधारित उनकी इस किताब में नवाब सुल्तान जहां के अलावा भारत की अमृता प्रीतम और पाकिस्तान की आबिदा सुल्तान भी शामिल हैं। पर क्या आप जानते हैं भोपाल की शान इस सुल्तान बेगम के बारे में, आइए हम बताते हैं कुछ रोचक तथ्य…

– नवाब शाहजहां बेगम की बेटी थीं सुल्तान जहां बेगम।

-4 जुलाई, 1901 ई. को वह भोपाल रियासत की शासक हुई।

-सुल्तान जहां बेगम के राज्य काल में प्लेग की बीमारी फैल गई।

-तब उनकी रियासत 16 हिस्सों में बंट गई। तभी पहला गजट भी छपा।

-सुल्तान जहां बेगम को पढऩे-लिखने का बहुत शौक था।

-इस तरह हम उन्हें शिक्षा प्रेमी कह सकते हैं।

-उनके नाम कई किताबें दर्ज हैं। यानी उन्होंने कई किताबें लिखी हैं।

-इनमें तुजके सुल्तानी, खुतवाते सुल्तानी, तजकराबाकी, हयाते सिकन्दरी, गौहर इकबाल, अख्तर इकबाल, एवं उमरे खानदानी, हयाते कुदसी, हयाते शाहजहांनी, फलसफाये अखलाक, बागे अजब, हिदायतें तीमारदारी आदि शामिल हैं।

-सुल्तान जहां बेगम पहली और आखिरी शासक बनीं जिन्होंने बेटे के लिए अपनी राजगद्दी छोड़ दी थी।

– वे हुकूमत का इन्तजाम छोटे बेटे हमीदुल्लाह खां को सौंपना चाहती थीं।

-इसके लिए वे इंग्लैंड गईं और 1924 ई. इस पर ब्रिटिश सरकार की स्वीकृति लेकर आई।

-1926 ई. में उन्होंने राजगद्दी छोड़ दी व हमीदुल्लाह को नवाब बनाया।

-वर्ष 1930 ई. में लीवर के आपरेशन के बाद नवाब सुल्तान जहां बेगम का निधन हो गया।
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