नई दिल्ली। लगता है दिल्ली वालों के सीने में अब दिल नहीं धड़कता। बीते शुक्रवार को सामने आई एक वारदात को यही संकेत देती है।पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर 42 वर्षीय सुबोध श्रीवास्तव परिवार के साथ ऑटोरिक्शा से लौट रहे थे, तभी दुर्घटना हो गई। ऑटो चालक मदद करने के बजाए उनका सामान लेकर भाग गया। दुखद यह भी है कि सुबोध की मौत हो गई है।

जानकारी के मुताबिक, बिहार में छठ पर्व मनाकर सुबोध अपनी पत्नी सुषमा और बेटे प्रियन के साथ सीमांचल एक्सप्रेस से शुक्रवार रात दिल्ली लौटे। पश्चिमी दिल्ली स्थित अपने निवास तक जाने के लिए उन्हें रेलवे स्टेशन के बाहर से ऑटो लिया।

चालक ने लापरवाही पूर्वक ऑटो चलाया और एक डिवाइडर से टकरा गया। ज्यादा खून बहने से सुबोध की मृत्यु हो गई, जबकि होश आने पर सुषमा ने देखा कि चालक ने अपना पलटा हुआ ऑटो सीधा किया और सामान सहित फरार हो गया।

40 वर्षीय सुषमा ने बताया, चालक तेजी से ऑटो चला रहा था। मेरे पति ने दो बार टोंका भी, लेकिन उनसे एक नहीं सुनी।

ऑटो पलकर सुबोध के ऊपर आ गया था, जिससे उन्हें बचाया नहीं जा सका। बेटे को भी चोट आई है। सुषमा के मुताबिक, ड्राइवर ने सड़क पर गिरा सामान भी उठाकर ऑटो में रखा और मदद करने के बजाए फरार हो गया।

सुषमा ने एक मिनी ट्रक को रोकने की कोशिश की। चालक ने वाहन रोका भी, लेकिन देखकर चलता बना। कुछ देर बार एक कार चालक रुका और पुलिस को बुलाया। पास की होटल के सुरक्षागार्ड ने बेटे के चेहरे पर पानी छिड़का तो उसने आंख खोली। बाद मेें तीनों को दीनदयान उपाध्याय हॉस्पिटल पहुंचाया गया, लेकिन सुबोध पहले ही दम तोड़ चुके थे।