बिजली का मुद्दा दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के गले पड़ता दिख रहा है। निजी बिजली कंपनियों और सरकार के बीच जबरदस्त टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। निजी कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड द्वारा पूर्वी व मध्य दिल्ली में प्रतिदिन आठ से दस घंटे बिजली कटौती की घोषणा से नाराज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा हुआ तो कंपनी का लाइसेंस रद कर दिया जाएगा। इसके कुछ ही घंटे बाद बिजली कंपनियों ने अगले तीन माह के लिए बिजली की दरें बढ़ा दीं।

दिल्ली बिजली नियामक आयोग ने बताया कि निजी बिजली कंपनियों ने तर्क दिया था कि बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियां रोजाना अलग-अलग दरों पर बिजली बेचती हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई बार बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए हर तीन माह पर उनके द्वारा बिजली की खरीद लागत की समीक्षा की जाए। इस प्रस्ताव को आयोग ने स्वीकार कर लिया है। इससे पहले केजरीवाल ने पैसे की कमी की दलील देने वाली कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड को धमकी दी थी कि कई कंपनियां बिजली वितरण के लिए तैयार बैठी हैं। इस मामले में शुक्रवार को मुख्य सचिव एसके श्रीवास्तव ने बिजली कंपनियों के अधिकारियों से बुलाकर बातचीत की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्थिति को संभालने की सरकारी कोशिशें तेज कर दी गई हैं।

स्टेडियम में पास होगा लोकायुक्त बिल

केजरीवाल सरकार के प्रस्तावित लोकायुक्त बिल को लेकर सियासत में फिर तूफान खड़ा होने के संकेत हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बिल की मंजूरी के लिए रामलीला मैदान में विधानसभा का सत्र बुलाने के अपने पुराने दावे से यू टर्न लेते हुए इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में बैठक बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। दूसरी ओर कांग्रेस ने विधानसभा परिसर के बाहर सदन की बैठक बुलाए जाने के निर्णय को पूरी तरह असंवैधानिक और गैरकानूनी करार देते हुए कहा है कि वह इसका पुरजोर विरोध करेगी। 13 से 15 फरवरी तक बैठक विधानसभा के सदन में होगी जबकि 16 फरवरी को विशेष बैठक स्टेडियम में आयोजित की जाएगी। आम लोगों की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में दिल्ली लोकायुक्त बिल, 2014 को मंजूरी दी जाएगी।