लंदन। लैटिन अमेरिका सहित कई देशों में भयानक तरीके से फैल चुके जीका वायरस को लेकर शोधकार्ताओं ने बड़ा खुलासा किया है। हाल ही में सामने आए नए शोध में दावा किया गया है कि शोधकर्ता समझ गए हैं कि जीका वायरस नवजातों के मस्तिष्‍क को कैसे प्रभावित करता है।

लैब में विकसित मानव स्‍टेम सेल्‍स पर काम करते हुए वैज्ञानिकों ने पाया कि वायरस दिमाग की कॉटेक्‍स बना रही कोशिकाओं को चयनात्‍मक तरीके से प्रभावित करता है। यह हिस्‍सा दिमाग की बाहरी परत होता है, जो ग्रे मैटर होता है। वायरस हमला करके कई कोशिकाओं को मार देता है और उन्‍हें सामान्‍य तरीके से विभाजित होने से रोकता है व नई ब्रेन सेल्‍स बनाता है।

सेल स्टेम सेल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इस शोध में चिकित्सकों का दावा है कि जीका वायरस के कारण नवजात शिशुओं के मास्तिष्क में विषमता आती है। शोध करने वाली टीम में शामिल प्रोफेसर ग्यू ली मिंग का मानना है कि यह शोध जीका वायरस और असामान्य आकार के मास्तिष्क के बीच संबंध को समझने की दिशा में पहला कदम है।

ब्राजील में इस तरह के 4800 से अधिक मामलों की पुष्टि की गई, जहां नवजात शिशुओं के मस्तिष्क का आकार छोटा पाया गया है। ब्राजील उन लातिन अमेरिकी देशों में शामिल है, जहां कुछ महीने पहले जीका वायरस का संक्रमण बढ़ गया था।