राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में बीजेपी शासित गुजरात, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दलितों के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2011 और 2014 के बीच दलितों के खिलाफ अपराध के मामले 40 प्रतिशत बढ़ गए हैं।
हालांकि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ अपराध की दर केवल 21.6 प्रतिशत रही। राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने राज्यों में दलितों के उत्पीड़न की घटनाओं के आधार पर यह प्रतिशत निकाला है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने दलितों के लिए संवैधानिक अधिकारों को लागू करने के लिए गुरुवार को हुई अपनी मॉनिटरिंग बैठक में इन आंकड़ों को सामने रखा है।

बैठक में कहा गया कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और छत्तीसगढ़ पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। एनसीएससी ने गुजरात और छत्तीसगढ़ में दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर चिंता जाहिर की है।

आंकड़ों के मुताबिक 2014 में गुजरात में दलितों के खिलाफ अपराध की दर 27.70 प्रतिशत थी जो 2015 में बढ़कर 163.3 प्रतिशत हो गई है। वहीं छत्तीसगढ़ में 2014 में दलित उत्पीड़न की दर 32.60 प्रतिशत थी, जो 2015 में 91.9 प्रतिशत हो गई।

एनसीएससी ने यह रिपोर्ट नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2013 और 2014 के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट बनाई है।

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की ओर से चार्जशीट दायर करने के मामलों में भी तेजी दर्ज की गई है। 2011 में यह 90.70 प्रतिशत थी, जो 2014 में 92.30 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही पेंडेंसी दर में गिरावट आई है। 2011 में यह 24.72 प्रतिशत थी और 2014 में यह गिरकर 24.42 प्रतिशत है।