भोपाल।प्री-पीजी परीक्षा घोटाला मामले में शुक्रवार को जिला अदालत में एसटीएफ की ओर से पेश चालान में आरोपियों के कबूलनामे का भी जिक्र है। इसमें व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी ने कबूला है कि प्रीपीजी 2012 परीक्षा के एक दिन पहले उसने ऑफिस में मॉडल आंसर की नकल की फोटो कॉपी ऑफिस की फोटो कॉपी मशीन से कराई थी। नितिन महिंद्रा ने उन्हें एक करोड़ पचपन लाख रूपए दिए थे। इसमें से एसटीएफ 25 लाख ही बरामद कर सकी है।

राघवेंद्र सिंह के ससुर व्यापमं में कार्यरत हैं। डॉ. अमित कुमार जैन ने कबूला है कि प्री-पीजी परीक्षा में चयन के लिए उसने नितिन मोहिंद्रा को छह लाख रूपए दिए थे, एक दिन पहले महिंद्रा ने उसे भोपाल बुला लिया था। भोपाल में उसे “मॉडल आंसर की” दी गई थी, रात भर तैयारी करने के बाद दूसरे दिन मुख्य परीक्षा दी थी।

परीक्षा में चयनित डॉ. अनुराग जैन ने मेमोरेंडम में कबूला है कि उसके चाचा विवेक जैन ने मैरिट लिस्ट में चयन के लिए अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के जीएम प्रदीप रघुवंशी को 75 लाख रूपए दिए थे। सनी जुनेजा ने प्रदीप रघुवंशी को मैरिट में चयन के लिए65 लाख रूपए दिए थे। समीर मंडलोई ने प्रदीप रघुवंशी को मैरिट में चयन के लिए 72 लाख रूपए दिए थे। उसके साथ ही पैसा देने वाले छह अन्य परीक्षार्थियों को टाटा सफारी में बैठाकर परीक्षा के एक दिन पहले मंडीदीप फैक्ट्री में ले जाकर परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के उत्तर दिए थे।

दूसरे दिन मुख्य परीक्षा में वही प्रश्न पूछे गए थे। राघवेंद्र प्रताप सिंह ने मेमोरेंडम में कबूला है कि परीक्षा के एक दिन पहले नितिन मोहिंद्रा ने उसे दस नंबर मार्केट के पास स्थित घर पर ले जाकर मॉडल आंसर की की छह प्रतियां दी थीं।