तीन साल से 11 करोड़ का इंतजार
मंदसौर। गरीब वर्ग के लोगों को खुद का मकान उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इंदिरा आवास योजना में भी किश्तें समय पर नहीं मिल पा रही हैं। तीन साल से योजना के आवंटन में गड़बड़ीहो रही है। कभी पहली किश्त समय पर नहीं आ रही है तो कभी दूसरी किश्त का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। वित्तीय वर्ष 2012-13 से तीन साल में 3228 हितग्राहियों की द्वितीय किश्त लगभग 11 करोड़ रुके हैं। भुगतान की आस में लोगों ने ब्याज पर व उधार लाकर मकान का काम पूरा तो कर लिया है। पर अब मांगने वाले तकाजा कर रहे हैं।आवासहीनों को छत उपलब्ध कराने के लिए 1989 में केंद्र सरकार ने इंदिरा आवास योजना प्रारंभ की थी। जिले में वर्ष 2002-03 में हुए शासकीय सर्वे में 80 हजार परिवार आवासहीन मिले थे। अब उसी सूची के आधार पर हर वित्तीय वर्ष में 700-1500 लोगों का चयन योजना में किया जा रहा है। शासन द्वारा वर्ष 2012-13 में योजना में 608 हितग्राहियों का चयन किया था। उस समय शासन द्वारा एक कमरा, किचन व शौचालय के लिए प्रति हितग्राही को 45 हजार रुपए तय किए थे। यह राशि दो समान किश्तों में मिलना थी लेकिन तीन साल बाद भी 608 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त में 1 करोड़ 36 लाख 80 हजार का भुगतान आज तक नहीं हुआ है। वर्ष 2013-14 में 1121 हितग्राहियों को मकान के लिए प्रति हितग्राही को 70 हजार के मान से 7 करोड़ 84 लाख 70 हजार का भुगतान होना था। अब तक 816 हितग्राही को द्वितीय किश्त का करीब 2 करोड़ 85 लाख 60 हजार का भुगतान नहीं हुआ। 2014-15 में 1599 हितग्राही को द्वितीय किश्त का 5 करोड़ 59 लाख 65 हजार का भुगतान होना शेष है।प्रस्ताव भेजा हैइंदिरा आवास योजना में हितग्राहियों को तीन साल की द्वितीय किश्त का भुगतान केंद्र शासन द्वारा किया जाना है। वर्ष 2012-13 में 608, 2013-14 में 1121 एवं 2014-15 के 1599 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त का भुगतान किया जाना है। 2013-14 में करीब 305 हितग्राही को द्वितीय किश्त का भुगतान हो गया है। शेष के लिए शासन स्तर को प्रस्ताव भेज रखा है। जल्द ही भुगतान होने की उम्मीद है।- रानी बाटड़, सीईओजिला पंचायत, मंदसौरसपना रहा अधूरावर्ष 2013-14 में मकान के लिए ग्राम देवरी निवासी गंगाबाई पति रामेश्वर का इंदिरा आवास योजना में चयन हुआ था। शासन द्वारा प्रथम किश्त के 22500 रुपए का भुगतान किया गया। इससे मकान का काम प्रारंभ किया। बाद में रुपए समाप्त होने पर मकान की छत भी नहीं डल पाई। पुत्र गोविंदराम ने बताया कि दो माह पहले ही गंगाबाई का देहांत होनेपर रिश्तेदारों के आने पर मकान की छत पर उधार लेकर शेड डाले थे। द्वितीय किश्त का भुगतान अभी भी नहीं हुआ है।उधार का मकानवर्ष 2013-14 में इंदिरा आवास योजना में रामकन्याबाई पति मोहनलाल गायरी निवासी देवरी का चयन हुआ था। प्रथम किश्त मिलने पर ठेकेदार के माध्यम से मकान का काम प्रारंभ किया था। द्वितीय किश्त आज तक नहीं मिली है। प्रथम किश्त में मिले 35 हजार रुपए खत्म होने पर ठेकेदार ने कार्य बाद में करने की बात कही। ऐसे में मजबूरी में उधारी में ईंट व अन्य सामग्री लाकर कुछ दिनों तक काम कराया। बाद में लोगों नेउधारी में सामग्री देने से भी मना कर दिया। जिससे आज भी मकान अधूरा है। उधार में लाई सामग्री के रुपए भी देना है। आए दिन लोग उधारी मांगने पहुंच रहे हैं।कर्ज लेकर बनाया मकानग्राम कोटड़ाबुजुर्ग में दो साल पहले हसीना बी, इशाक पठान, शायर खां आदि का चयन इंदिरा आवास योजना में चयन हुआ था। प्रथम किश्त मिलते ही सभी ने मकान निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया। द्वितीय किश्त का भुगतान अब तक नहीं होने से सभी के मकान अधूरे हैं। चांद बी पति बाबू खां ने द्वितीय किश्त जल्द मिलने की उम्मीद में कर्ज लेकर मकान की छत डलाई। चांद बी ने बताया कि मामले में जब अधिकारियों से जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि जल्द ही किश्त मिल जाएगी। इस पर मैंने कर्ज लेकर मकान का काम कराया। अब किश्त के साथ ब्याज भी भरना पड़ रहा है।फैक्ट फाइलवर्ष हितग्राही2012 13608 (द्वितीय किश्त का नहीं हुआ भुगतान)2013-14 1121 (816 को द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं हुआ)2014-15 1599 (द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं हुआ)