राजस्थान में तंबाकू पदार्थों की बिक्री और उपयोग के लिए बनाए गए कोटपा एक्ट के 14 साल बाद अब अस्पतालों को भी तंबाकू रहित क्षेत्र घोषित किया गया है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ के निर्देश पर प्रदेश के राजकीय चिकित्सा संस्थानों को तंबाकू मुक्त स्वास्थ्य संस्थान के रूप में घोषित कर किसी भी प्रकार के तंबाकू के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है. इन चिकित्सा केन्द्रों पर तंबाकू रहित क्षेत्र का विवरण अंकित कराने के निर्देश दिए गए हैं.
सराफ ने बताया कि तंबाकू विभिन्न बीमारियों के उत्पन्न होने का प्रमुख कारण होने के साथ ही विकास के लक्ष्यों को अर्जित करने में बाधक है. उन्होंने बताया कि तंबाकू पदार्थों के उपयोग को हतोत्साहित कर सामान्य व युवा नागरिकों को संरक्षित करने, सिगरेट एवं अन्य तंबाकू पदार्थों को नियंत्रित करने के लिए वर्ष 2003 में कोटपा एक्ट बनाया गया था.
स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने सोमवार को आदेश जारी कर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सालयों के अधीक्षकों, सभी जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा जिला, उपजिला व सैटेलाइट अस्पतालों के प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को कोटपा के तहत इन आदेशों की अनुपालना करवाने के निर्देश दिए हैं. इस कार्य के लिए स्टेट नोडल आफिसर डॉ. एस.एन. धौलपुरिया को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है.जैन ने बताया कि उपस्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रवेश द्वारों, बैठक कक्ष, लिफ्ट इत्यादि महत्वपूर्ण स्थलों पर तंबाकू के उपयोग को प्रतिबंधित करने वाले संकेत चिन्ह अंकित करने के भी निर्देश दिए गए है.

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