जबलपुर। सर्किट हाउस में केन्द्रीय कैबिनेट सेकेट्री की एप्रोच दिखाकर ठहरने वाला फर्जी इनकम टैक्स कमिश्नर ट्रेन नहीं बल्कि स्पाइस जेट की मुंबई फ्लाइट से शहर आया था। डुमना एयरपोर्ट से बाहर आने के बाद जालसाज एक परिवार को छोड़कर लौट रही इनोवा के चालक को बातों से प्रभावित किया और कल्चुरी होटल पहुंचा। होटल में रूम न मिलने पर उसने अपने मोबाइल से प्रोटोकॉल अधिकारी तपन मोदी को फोन लगाकर होटल मैनेजर से बात कराई। लेकिन बात न बनने पर तपन मोदी ने उसे सर्किट हाउस नंबर 2 में भेजकर रूम नं 17 में ठहराया था। ये जानकारी पुलिस जांच में सामने आई है, लेकिन अभी तक पुलिस ने प्रोटोकॉल अधिकारी से किसी तरह की पूछताछ नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक तपन मोदी से पूछताछ न करने के लिए पुलिस पर भारी दबाव बनाया जा रहा है। जिसके कारण पुलिस पशोपेश में हैं।

बिना आईडी के कैसे दे दिया रूम

सर्किट हाउस नंबर 2 के एन्ट्री रजिस्टर में ठहरने वाले फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी अभिषेक गुप्ता ने अपनी एन्ट्री खुद भरी थी। जिसमें उसने अपना पता 8 एमजी मार्ग आईटी रोड ग्वालियर भरा था। लेकिन प्रोटोकॉल अधिकारी की तरफ से उससे किसी तरह की आईडी प्रूफ नहीं लिया गया। हाल ही में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिले भर की होटलों और सरकारी व गैर सरकारी विश्राम गृहों में फार्म सी भरने की अनिवार्यता लागू की गई थी। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।

स्वीपर की सिम से किए फोन

अभिषेक गुप्ता ने सर्किट हाउस के स्वीपर को अपना मोबाइल हैंग होने का हवाला देकर उसकी सिम ले ली। दूसरे दिन ड्राइवर विनोद के साथ सदर स्थित मोबाइल शॉप से उसने 14 सौ रुपए में नया मोबाइल खरीदा और फिर उससे लगातार अपने साथियों व परिचितों से संपर्क किया। पुलिस ने स्वीपर की आईडी वाली सिम की कॉल रिकॉर्ड निकालकर ही नागपुर की लोकेशन पता करके डस्टर ढूंढी है।

ट्रेनी आईपीएस को देता रहा टिप्स

सूत्रों की मानें तो 3 जुलाई को जिस दिन अभिषेक गुप्ता सर्किट हाउस में रुका था उस दिन वहां बालाघाट ट्रेनिंग पर जाने से पहले चार ट्रेनी आईपीएस ठहरे हुए थे। 4 जुलाई की सुबह अभिषेक ने सभी ट्रेनी आईपीएस को अपनी बातों से प्रभावित करके एक घंटे तक सभी को नौकरी के संबंध में अलग-अलग टिप्स दिए थे। सूत्र बताते हैं कि बातचीत खत्म होने के बाद जितने बार अभिषेक और ट्रेनी आईपीएस का सामना हुआ सभी उसे सैल्यूट करते रहे। इसी वजह से ऑटो चालक विनोद और सर्किट हाउस के कर्मचारी उससे प्रभावित होते चले गए।

रीवा का केपी पांडे है अभिषेक

स्पाइस जेट कंपनी से संपर्क करके बाद पुलिस को जानकारी मिली कि मुंबई से फ्लाइट की जो टिकट अभिषेक ने बुक कराई थी उसमें रीवा निवासी केपी पांडे की आईडी लगी हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने रीवा पुलिस से संपर्क किया तो पता चला अभिषेक गुप्ता नामक युवक असल में केपी पांडे ही है और उसके खिलाफ जालसाजी के कई मामले देश के अलग-अलग शहरों में दर्ज हैं।

कंट्रोल रूम और सर्किट हाउस में किए फोन

आरोपी अभिषेक गुप्ता ने पुलिस से बचने के लिए शुक्रवार की रात खुद ही पुलिस कंट्रोल में फोन लगाकर डस्टर नागपुर के सीतावर्डी इलाके में स्थित लेनॉर्ड कार के शोरूम के बाहर खड़े होने की जानकारी दी थी। इसके अलावा उसने सर्किट हाउस के लैंडलाइन नंबर पर भी कई बार फोन लगाकर जानकारियां जुटाईं थीं।

फिलहाल चोरी गई डस्टर को जब्त कर प्रकरण की विस्तृत छानबीन की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी भी हमारी गिरफ्त में होगा।