जी-8 देशों से बाहर किया गया रूस
क्रीमिया संकट मामले में रूस और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं. यूक्रेन के क्षेत्र क्रीमिया को रूस में शामिल किए जाने को लेकर की जा रही कोशिश को वैश्विक खतरा बताते हुए अमेरिका ने मॉस्को को चेतावनी दी कि ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करना होगा.साथ ही फ्रांस के विदेश मंत्री ने कहा है कि रूस को ग्रुप-8 देशों से बाहर कर दिया गया है. साथ ही इस साल रूस के सोची में होने वाले जी-8 सम्मेलन की तैयारियों को भी बाकी देशों ने रद्द कर दिया है. फ्रांस ने दावा किया कि सभी सात देश रूस के खिलाफ हैं.
‘शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है रूस का कदम’
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने बताया कि यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र को रूस की ओर से औपचारिक रूप से शामिल किए जाने की हम निंदा करते हैं. ऐसी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है. अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हम लोग इस तरह की कोशिश को मान्यता नहीं देंगे और जैसा कि हमने कहा इस तरह की कार्रवाई के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी.
पुतिन कर चुके हैं संधि पर हस्ताक्षर
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया को रूस का हिस्सा बनाने संबंधी संधि पर दस्तखत कर दिए. रविवार को हुए क्रीमिया के ‘विवादास्पद’ जनमत सर्वेक्षण में क्रीमिया की करीब 97 फीसदी जनता ने रूस में मिलने के पक्ष में वोट किया था. संधि पत्र पर हस्ताक्षर के बाद रूस ने अंतरराष्ट्रीय ऐतराज को झटका देते हुए ऐलान किया कि क्रीमिया को अब रूस का हिस्सा माना जाए, यूक्रेन का नहीं.
पुतिन ने टेलीविजन पर प्रसारित भावुक भाषण में कहा कि लोगों के दिलोदिमाग में, क्रीमिया हमेशा से रूस का अभिन्न हिस्सा बना रहा है और बना हुआ है. इस कदम से पश्चिमी देशों और रूस के बीच संकट का खतरा मंडराने लगा है जो शीतयुद्ध के बाद से नहीं देखा गया था.
क्रैमलिन (रूस) समर्थक राष्ट्रपति विक्टर युआनकोविच के पिछले महीने अपदस्थ किए जाने के बाद से यूक्रेन का नया प्रशासन इस कदम से स्तब्ध है. पुतिन ने क्रीमिया के प्रधानमंत्री सर्गेई अक्सयोनोव के साथ संधिपत्र पर हस्ताक्षर किए. क्रैमलिन में इस मौके पर संसद के दोनों सदनों के नेता थे.