करीब 175 साल पुरानी जिला जेल में पिछले एक पखवाड़े में दो कैदियों को सांप के डस लेने के बाद खूंखार बंदियों में भी इन सांपों की दहशत बढ़ गई है. नतीजतन जेल प्रशासन नेवले पालने के बारे में सोच रहा है, जिन्‍हें सांपों का जानी दुश्मन माना जाता है.

जिला जेल अधीक्षक शैफाली तिवारी ने बताया कि पिछले 15 दिन में दो कैदी जफर और फिरोज सांप के डसने के कारण अस्पताल पहुंच चुके हैं. हालांकि, ये सांप जहरीले नहीं थे जिससे दोनों कैदियों की जान को कोई खतरा नहीं है.

शैफाली ने कहा कि सांप निकलने की लगातार हो रही घटनाओं से कैदी और जेलकर्मी डरे हुए हैं. इसलिए सांपों को जेल परिसर से भगाने के लिए नेवले पालने का विचार किया जा रहा है.

हम सांपों की समस्या से निपटने के लिए वन विभाग की मदद भी लेंगे. उन्होंने बताया कि वर्ष 1839 में बनी जेल इमारत में शव गृह और फांसी घर जैसे कई स्थान सालों से बंद पड़े हैं. इससे जेल में अनेक जीव जंतुओं ने डेरा जमा लिया है.