जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए 87 सदस्यीय विधानसभा में जरूरी संख्या बल जुटाने में राजनीतिक दलों के विफल रहने के बाद आज वहां राज्यपाल शासन लगा दिया गया।  राज्यपाल एन एन वोहरा ने कल रात यह कहते हुए राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट सौंपी थी कि उमर अब्दुल्ला ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद से मुक्त कर देने का अनुरोध किया है, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है। 
 आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि इस रिपोर्ट में कई सुझाव थे जिनमें एक किसी भी दल के सरकार गठन के लिए जरूरी संख्याबल नहीं जुटा पाने के आलोक में राज्यपाल शासन का विकल्प था। हाल के विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश आया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कल रात यह रिपोर्ट जरूरी कार्रवार्ई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी।
राज्य में राज्यपाल शासन जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत लगाया गया है। यह अनुच्छेद राज्यपाल को राज्य में संवैधानिक मशीनरी के विफल होने की स्थिति मंे राज्यपाल शासन की घोषणा करने की इजाजत देता है। समझा जाता है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यपाल शासन के लिए अपनी सहमति दे दी है। राज्य में वर्ष 1977 के बाद छठी बार राज्यपाल शासन लगाया गया है।