घाटी में फूटा बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा
पिछले 60 सालों में पहली बार आई भीषण बाढ़ से जूझ रहे श्रीनगर में जलस्तर तो कम होने लगा है पर राहत व बचाव कार्यो से असंतुष्ट लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को पानी में फंसे कई लोगों की बचाव कार्य में लगे राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के जवानों से झड़प हो गई, जिसमें दो जवान घायल हो गए। नाराज लोगों ने घरों की छत से वायुसेना के हेलीकॉप्टर और ट्रक पर पत्थर बरसाए। एक राहत शिविर में पनाह लेने वालों का हालचाल जानने गए पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज को भी आक्रोश का सामना करना पड़ा। इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों के गुस्से को जायज ठहराते हुए कहा है कि वह बगैर खाना-पानी फंसे लोगों की भावनाएं समझ सकते हैं। सरकार उन्हें बचाने की अपनी पूरी कोशिश कर रही है। वहीं, लोगों को सुरक्षित बचाने में जुटे अपने जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए सेनाप्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग भी श्रीनगर पहुंचे।कश्मीर में बाढ़ से तबाही का मंजर भयानक होता जा रहा है। सेना के व्यापक बचाव अभियान के बावजूद अभी भी चार लाख के करीब लोग बाढ़ में फंसे हैं। एक लाख पहले ही बचाए जा चुके हैं। शाम तक 35 हजार और लोगों को भी सेना ने सुरक्षित स्थान तक पहुंचा दिया। श्रीनगर के प्रभावित इलाकों में जलस्तर तीन से चार फुट तक गिर गया। शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। आंकड़ा ढाई सौ से ऊपर जाना तय है। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सैन्य हेलीकाप्टर में बैठकर राहत अभियान में हिस्सा लिया। कुछ हिस्सों में बीएसएनएल सेवा बहाल होने से राहत व बचाव कार्यो में मदद मिली है। जलस्तर कम होने के साथ ही बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। पानी में जानवरों के शव भी तैर रहे हैं।




