गोवा आरएसएस प्रमुख सुभाष वेलिंगकर की बर्खास्तगी के बाद आरएसएस के 400 कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा
पणजी: बुधवार देर शाम गोवा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 400 से भी ज़्यादा कार्यकर्ताओं ने घोषणा की है कि वे राज्य आरएसएस प्रमुख सुभाष वेलिंगकर की बर्खास्तगी के विरोध में इस्तीफा दे रहे हैं.
केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वैचारिक संरक्षक आरएसएस की राज्य इकाई के कई शीर्ष नेताओं ने राजधानी पणजी के निकट एक स्कूल में छह घंटे से भी ज़्यादा समय तक चली बैठक में आरएसएस के राज्य में सर्वाधिक प्रभावशाली नेताओं में शुमार किए जाने वाले सुभाष वेलिंगकर को हटाए जाने के मुद्दे पर चर्चा की, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने इस्तीफों की घोषणा की.
राज्य इकाई के एक नेता ने कहा, “सभी जिला इकाइयों, जिला उप-इकाइयों तथा शाखाओं के सभी पदाधिकारियों तथा सैकड़ों अन्य ने इस्तीफा देने का फैसला किया है, जब तक सुभाष वेलिंगकर को पुनः पदस्थापित नहीं किया जाता…”
दरअसल, सुभाष वेलिंगकर भारतीय भाषा सुरक्षा मंच नामक संगठन के भी प्रमुख हैं, तथा वह राज्य की बीजेपी सरकार की इस बात को लेकर आलोचना करते रहे थे कि सरकार कोंकणी और मराठी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं के स्थान पर अंग्रेज़ी को तरजीह दे रही है.
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने बुधवार को वेलिंगकर की बर्खास्तगी की घोषणा करते हुए कहा था, “उन्हें (वेलिंगकर को) दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है… वह राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त होना चाहते थे, और संघ नेता होने के नाते वह ऐसा नहीं कर सकते…”
इस मुद्दे को ‘आरएसएस का अंदरूनी मामला’ बताकर टिप्पणी से इंकार करने वाले गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर तथा उनके पूर्ववर्ती व मौजूदा केंद्रीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर पर सुभाष वेलिंगकर ने आरोप लगाया था कि इन नेताओं ने स्थानीय भाषाओं को स्कूलों में शिक्षा का माध्यम बनाने के बीजेपी द्वारा किए वादे से पलटकर ‘जनता से विश्वासघात’ किया है.
उनके समर्थकों को उनकी बर्खास्तगी में भी बीजेपी का ही हाथ लग रहा है. हालांकि कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए जा रहे ‘शर्म करो, शर्म करो’ के नारों के बीच वरिष्ठ आरएसएस नेता “जयंत लेलिवन ने कहा, “आरएसएस अभिभावक है… आरएसएस को गोवा बीजेपी नहीं बता सकती, क्या करना है…”