गोमुखासन हृदय रोगियों के साथ मधुमेह के रोगी के लिए रामबाण
नई दिल्ली : इन दिनों जबकि ज्यादातर अस्पताल कोरोना के मरीजों के लिए समर्पित हैं और बाकी बीमारियों के इलाज का रास्ता सिर्फ टेलीफोनिक क्लीनिक हैं। ऐसे में ऐहतियात ही सबसे सफल इलाज है और योगासन खुद को स्वस्थ रखने की एक बेहतर विधि हैं। अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह के तहत तीसरे दिन जानिए गोमुखासन के बारे में।
गोमुखासन क्या है?
‘गोमुख’ का अर्थ होता है गाय का चेहरा या गाय का मुख। इस आसन में पांव की स्थिति बहुत हद तक गोमुख की आकृति जैसे होती है इसीलिए इसे गोमुखासन कहा जाता है। यह महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक आसन है। साथ ही गठिया, कब्ज, मधुमेह और कमर में दर्द होने पर भी यह आसन बेहद लाभप्रद है।
लाभ
- यह मधुमेह के नियंत्रण में सहायक है
- इससे पीठ एवं बांहों की पेशियां मजबूत होती हैं
- यह स्त्री रोगों के लिए भी बहुत लाभदायक आसन है
- यह फेफड़ों के लिए एक बहुत ही मुफीद अभ्यास है
- कंधा जकड़न और गर्दन दर्द ठीक करने में भी सहायक है
- यह रीढ़ को सीधा रखने के साथ-साथ इसको मजबूत भी बनाता है
- इसके नियमित अभ्यास से कमर दर्द की परेशानियों से राहत पा सकते हैं
- पांवों और हाथों की स्थिति बदलते हुए इसे दोहराएं
- बाएं पांव को घुटने से मोड़ें तथा दायीं ओर जमीन पर रख लें
- सबसे पहले दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाएं और हाथ को बगल में रखें
- अब सिर को कोहनी पर टिकाकर यथासंभव पीछे की ओर धकेलने का प्रयास करें
- दायीं बांह उठाएं, कोहनी से मोड़ें और ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं
- अब बाएं हाथ को उठाएं और इसको कोहनी से मोड़ें फिर पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं
- दोनों हाथों की अंगुलियों को पीठ के पीछे इस तरह से रखें कि एक-दूसरे को आपस में गूंथ लें
- इसी तरह, दाएं पांव को घुटने से मोड़ें, बाएं पांव के ऊपर से लाएं तथा दायीं एड़ी को बायीं तरफ रखें