गुजरात में आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट बर्खास्त
अहमदाबाद। गुजरात के निलंबित आईपीएसअधिकारी संजीव भट्ट को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। राज्य सरकार ने बुधवार को उन्हें अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आधार पर सेवामुक्त किया है। भट्ट ने इस कार्रवाई को दिखावटी जांच के बाद किया गया बताया है। भट्ट ने वर्ष 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों को लेकर राज्य की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चलाया था।
बर्खास्तगी के बाद भट्ट ने कहा, “हां यह सही है कि मेरी सेवा समाप्त कर दी गई है। यह अनुमानित था। उन्होंने एकपक्षीय जांच भी कराई है। मुझे उनसे (गृह मंत्रालय) से बर्खास्तगी का पत्र मिला है।” भट्ट को 2011 में निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के पहले उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चलाया था। उन्हें बिना अनुमति काम से गैरहाजिर रहने और सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग करने के आधार पर निलंबित किया गया था। उस समय भट्ट जूनागढ़ में पदस्थ थे।
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर दावा किया था कि गांधीनगर में 27 फरवरी 2002 को मोदी के आवास पर हुई बैठक में वह भी शामिल हुए थे। भट्ट ने दावा किया था कि मोदी ने पुलिस अधिकारियों को हिंदुओं को अपने गुस्से का इजहार करने देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित विशेष जांच टीम ने हालांकि उनका दावा नामंजूर कर दिया।