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अमृतसर. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने से बाज नहीं आया तो भारत सिंधु जल समझौता तोड़ सकता है। गडकरी के मुताबिक, सरकार इस जल संधि का अध्ययन कर रही है। अमृतसर में बुधवार को एक जनसभा के दौरान उन्होंने कहा कि इन तीन नदियों का पानी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा को दिया जा सकता है जो अब तक पाकिस्तान जा रहा है।

जल संसाधन मंत्री ने कहा, “भारत से तीन नदियों का पानी पाकिस्तान को मिल रहा है। हम उसे रोकना भी नहीं चाहते, लेकिन जल समझौते का आधार दोनों देशों के बीच शांति और मित्रतापूर्ण संबंध था। अब ये भावना पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इसलिए हम भी जल संधि को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं।”

59 साल पहले हुई थी सिंधु जल संधि
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था। इसके तहत, रावी, ब्यास और सतलुज पर पूरी तरह भारत और झेलम, चिनाब और सिंधु पर पाकिस्तान का हक है। समझौते के तहत भारत को बिजली और कृषि कार्यों के लिए पश्चिमी नदियों के पानी के इस्तेमाल के भी कुछ सीमित अधिकार हैं। दोनों पक्षों के बीच विवाद होने और आपसी विचार-विमर्श के बाद भी इसका निपटारा नहीं होने की स्थिति में किसी तटस्‍थ विशेषज्ञ की मदद लेने या कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन में जाने का प्रावधान है।