मंदसौर। रबी की फसल के लिए खेत सजकर तैयार हो चुके हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में बोवनी का कार्य प्रारंभ हो जाता है लेकिन अभी भी आवश्यकता से दस डिग्री अधिक तापमान है। इस तापमान में बोवनी करने से उत्पादन पर 50 प्रश तक का प्रभाव पड़ सकता है। इधर कृषि विभाग ने इस बार 190 लाख हेक्टेयर में रबी की बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया है। सोमवार को 36 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जो 2011 के बाद सर्वाधिक है।

खरीफ की फसल ने मौसम के कारण किसानों को धोखा दे दिया। इसके बाद अब रबी की फसल से उम्मीद लगाई जा रही है। लेकिन एक बार फिर मौसम किसानों का साथ देते हुए नजर नहीं आ रहा। जहां अक्टूबर में गुलाबी ठंड की शुरुआत हो जाती है। वहीं इस बार पसीने छूट रहे हैं खेत सजकर तैयार हो चुके हैं लेकिन तापमान गिरने का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल किसानों ने दलहन व तिलहन की बोवनी की शुरुआत कर दी है। गेहूं के लिए अनुकूल मौसम का इंतजार किया जा रहा है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में गेहूं की बोवनी शुरू करने वाले किसान अब मौसम को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।

25-27 डिग्री पर अनुकूल तापमान

रबी की फसल में सबसे ज्यादा रकबा गेहूं का है। गेहूं के लिए 25-27 डिग्री तापमान अनुकूल माना जाता है। इससे 2 डिग्री तापमान अधिक होने पर 15 प्रश तक उत्पादन प्रभावित हो सकता है, वहीं वर्तमान में बोवनी करने पर 50 प्रश तक उत्पादन प्रभावित हो सकता है। उधर देर से बोवनी करने से पानी की समस्या खड़ी हो सकती है, क्योंकि इस बार 29 इंच बारिश ही हो पाई है। फिलहाल तापमान धनिया, मैथी सहित अन्य मसाला फसलों के लिए अनुकूल माना जा रहा है।

घटने की बजाय बढ़ रहा तापमान

अक्टूबर में गुलाबी ठंड की शुरुआत हो जाती है। इस बार घटने की बजाय तापमान बढ़ रहा है। बीते 5 दिनों में तापमान में 2 डिग्री से भी ज्यादा इजाफा हुआ है। दोपहर में गर्मी से लोगों को भी खासी परेशानी हो रही है। धूप और गर्मी से बचाव के लिए अभी भी तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं। बुधवार को अधिकतम 36 डिग्री और न्यूनतम 23 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जो बीते पांच सालों में इस दिन का सबसे ज्यादा तापमान है।

गत वर्ष से 15 लाख हेक्टेयर ज्यादा

गत वर्ष 175 लाख हेक्टेयर में रबी की बोवनी की गई थी। इस बार 190 लाख हेक्टेयर में रबी की बोवनी का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें सर्वाधिक 90 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी होगी। 40 लाख हेक्टेयर में सरसों और अलसी की बोवनी का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से 29 लाख हेक्टेयर में बोवनी की जा चुकी है। चने का रकबा भी इस बार बढ़ाकर 56 लाख हेक्टेयर किया गया है।