खींचतान : साइरस मिस्‍त्री TCS के डायरेक्‍टर बने रहेंगे या नहीं, ईजीएम में आज होगा फैसला

नई दिल्ली: नमक से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी साफ्टवेयर बनाने वाले टाटा औद्योगिक घराने में निदेशक मंडल की खींचतान के बीच टाटा संस के निष्कासित चेयरमैन साइरस मिस्त्री को समूह की कारोबारी कंपनियों के निदेशक मंडलों से बाहर करने की टाटा समूह की रणनीति में प्रवर्तक शेयरधारकों की मजबूत स्थिति की परीक्षा आज टीसीएस के शेयरधारकों की असाधरण बैठक में होने जा रही है.

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा संस को इसी मजबूत स्थिति के आधार पर समूह की कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज के शेयरधारकों की असाधारण बैठक (ईजीएम) में सोमवार को मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने का प्रस्ताव मंजूराने में कामयाबी मिली और इस निर्णय के आधार पर मिस्त्री इस कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रह गए है. मिस्त्री की पारिवारिक कंपनी शापूर्जी समूह की हालांकि, टाटा संस में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन टाटा समूह के सूत्रों ने कहा कि शापूर्जी समूह के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है कि होल्डिंग कंपनी के निदेशक मंडल में उन्हें कोई प्रतिनिधित्व दिया जायेगा. टाटा संस में टाटा घराने के न्यासों की हिस्सेदारी 65.29 प्रतिशत है.

टाटा समूह की सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाली सॉफ्टवेयर विकास क्षेत्र की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसिज (टीसीएस) की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) मंगलवार यानी आज होने वाली है. टीसीएस के चेयरमैन पद से सारइस मिस्त्री को पहले ही हटाया जा चुका है. आज बैठक में उन्हें इसके निदेशक मंडल से हटाने के प्रस्ताव पर निर्णय किया जाना है. टीसीएस में भी प्रवर्तक समूह (टाटा संस) की 73.26 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

सूत्रों के अनुसार, टीसीएस की ईजीएम में मिस्त्री के कुछ समर्थक आवाज उठा सकते हैं पर प्रवर्तकों के बहुमत को देखते हुये प्रस्ताव विरोधी मिस्त्री की अपीलों का टिकना कठिन होगा. इस कंपनी में जीवन बीमा निगम और यूटीआई जैसे सरकारी संस्थान भी शेयरधारक हैं पर सरकार इस उद्योग समूह के आंतरिक मामलों में अब तक तटस्थता का रख बनाए हुए है. समूह की एक अन्य कंपनी टाटा टेलिसर्विसिज (महाराष्ट्र) लि. की ईजीएम 14 दिसंबर को बुलाई गयी है. इस कंपनी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 65.29 प्रतिशत है. कंपनी की इस बैठक में मिस्त्री को कंपनी के निदेशक मंडल से हटाने का प्रस्ताव लाया जायेगा.