हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद कालेधन पर दनादन छापेमारी में बरामद हो रही भारी भरकम नकदी को देखते हुए सरकार आने वाले दिनों में कैश रखने की सीमा भी तय कर सकती है। ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति एक निश्चित सीमा से अधिक धनराशि कैश में नहीं रख पाएगा। बताया जाता है कि वित्त मंत्रालय इस संबंध में कई विकल्पों पर विचार कर रहा है और इसकी घोषणा जल्द की जा सकती है।

वित्त मंत्रालय के सामने प्रस्ताव

 सूत्रों ने कहा कि कैश रखने की सीमा तय करने का विचार वित्त मंत्रालय के विचाराधीन है। विगत में इस संबंध में कई सुझाव आए हैं लेकिन 8 नवंबर को 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद जिस तरह भारी मात्रा में नकदी पकड़ी जा रही है, उसे देखते नकदी रखने की सीमा तय करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत महसूस की जा रही है।

 ‘नकदी की सीमा जरूरी’

 उल्लेखनीय है कि एसआइटी के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम बी शाह और उपाध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्ति न्यायाधीश अरिजीत पसायत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को संयुक्त पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोट पाबंदी का सरकार के फैसले का कोई असर नहीं होगा। कुछ दिनों के बाद फिर से लोग काला धन जमा करने लगेंगे।

 15 लाख हो सकती है सीमा

 सआइटी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने अपने पत्र में हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया है कि नकदी रखने की अधिकतम सीमा कितनी हो लेकिन माना जा रहा है कि यह सीमा 15 लाख रुपये तय की जा सकती है। असल में एसआइटी ने जुलाई में वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी पांचवी रिपोर्ट में 15 लाख रुपये से अधिक कैश रखने के लिए आयकर आयुक्त की अनुमति लेनी की सिफारिश की थी। एसआइटी ने अपनी पांचवी रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की थी कि अगर कोई व्यक्ति अपने खाते से तीन लाख रुपये से अधिक निकालता है तो बैंक को इसे संदेहास्पद मानकर फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट और आयकर विभाग को सूचित करना चाहिए।

 आयकर कानून 1961 में संशोधन !

सूत्रों ने कहा कि नकदी की सीमा तय करने को आयकर कानून 1961 में जरूरी संशोधन किए जा सकते हैं। इस दिशा में कदम इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि बीते तीन साल में आयकर विभाग की छापेमारी में 1500 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त हुई है। खासकर 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद से ही 16 दिसंबर तक 316 करोड़ रुपये कैश जब्त किया जा चुका है जिसमें 80 करोड़ रुपये नई करेंसी में है। इससे पता चलता है कि लोगों ने उच्च मूल्य वर्ग के पुरानी करेंसी के नोट पर प्रतिबंध लगने के बाद नई करेंसी के नोट जमा करना शुरु कर दिया है। इसलिए यह जरूरी है कि नकदी रखने की एक सीमा तय की जाए।

 पहले भी दिए गए हैं सुझाव

 इससे पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुधीर चंद्र की अध्यक्षता वाली समिति ने भी निजी इस्तेमाल के लिए नकदी रखने की सीमा तय करने की सिफारिश की थी। समिति का कहना था कि एक निश्चित सीमा से अधिक नकदी पाए जाने पर उसे सरकार को जब्त कर लेना चाहिए। समिति ने इस संबंध में केरल उच्च न्यालय के एक निर्णय का हवाला दिया था।

 एक्सिस बैंक की एमडी ने क्या कहा ?

 एक्सिस बैंक की शाखाओं में काले धन को सफेद करने पर एमडी और सीईओ शिखा शर्मा ने कहा कि कुछ कर्मचारियों के आचरण पर हाल में आई मीडिया रिपोर्ट से निराश हूं। बैंक की आचार संहिता से हटकर काम करने वाले इन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। मुझे खेद है कि कुछ लोगों की करतूतों के कारण हमारे 55 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की मेहनत पर पानी फिर गया।