उज्जैन। डोल ग्यारस पर गुरुवार को राजाधिराज महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। शाम 4 बजे शाही ठाठबाट के साथ बाबा की पालकी वैकुंठ द्वार की ओर रवाना हुई। सवारी मार्ग पर दोनों ओर भक्त भगवान की एक झलक पाने के लिए खड़े हुए थे।

इससे पहले पुजारी पं. ओमप्रकाश चतुर्वेदी के आचार्यत्व में एडीएम अवधेश शर्मा ने सिंधिया शाही पगड़ी धारण करवाकर पालकी में विराजित बाबा की रजत मूर्ति का पूजन किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने सेनापति को सलामी दी। पश्चात सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई। जैसे-जैसे सवारी आगे बढ़ी भक्ति का उल्लास बढ़ता गया। भैरवगढ़ जेल पर अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने पूजन किया। बंदियों ने पुष्प वर्षा कर सवारी का स्वागत किया। परंपरागत मार्गों से होकर बाबा की पालकी सिद्धवट घाट स्थित वैकुंठ द्वार पहुंची। यहां पुजारियों ने तीर्थ तथा भगवान की पादुका का पूजन किया। पूजन पश्चात सवारी पुन: मंदिर की ओर रवाना हुई। सवारी में विद्युत रोशनी से झिलमिलाती दो झांकियां भी शामिल थीं।