भोपाल। कांग्रेस विधायक नारायण त्रिपाठी ने आज आखिरकार विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके बाद कहा कि जब कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह बेटे जयवर्द्धन को सीएम से मिलवाते हैं तो किसी को कुछ नहीं होता, मेरे सीएम के साथ मंच साझा करते ही सभी आपत्ति करने लगते हैं। यह है कांग्रेस। इस्‍तीफा देने के बाद वे सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे।

त्रिपाठी ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि कांग्रेस में बेटावाद, भतीजावाद और पट्ठावाद है। कांग्रेस नेतृत्व में विकास की विचारधारा नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विकास की राजनीति करते हैं और इसलिए मैं उनके साथ हूं।

मुझे अपने क्षेत्र में विकास चाहिए था और इसके लिए मैंने उनका साथ दिया है। नारायण त्रिपाठी विधानसभा में जब इस्तीफा देने पहुंचे तो उनके साथ सांसद गणेश सिंह, विधायक विश्वास सारंग आदि नेता भी मौजूद थे। भाजपा कार्यालय में त्रिपाठी ने कहा कि उनके क्षेत्र के लोग अर्जुन सिंह और अजय सिंह से अच्‍छी तरह वाकिफ हैं।

टिकट की अनुशंसा

विधानसभा अध्यक्ष ने नारायण त्रिपाठी के इस्तीफे को तुरंत स्वीकार करते हुए कहा कि आज से ही यह सीट रिक्त मान ली गई है। वहीं सांसद गणेश सिंह ने कहा कि मैं पार्टी नेतृत्व से त्रिपाठी को विधानसभा की टिकट दिए जाने की अनुशंसा करेंगे जिससे क्षेत्र में विकास हो सके क्योंकि त्रिपाठी विकास के लिए समर्पित हैं।