कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. पार्टी विधान परिषद में सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी जो एक वोट से गिर गया. इसके पक्ष में 36 वोट पड़े जबकि विरोध में 37. जेडीएस के भाजपा के साथ हाथ मिलाने से कांग्रेस की योजना धरी की धरी रह गई.

परिषद के इतिहास में यह पहला मौका था जब सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. 75 सदस्यीय विधान परिषद में कांग्रेस के 33 सदस्य हैं जबकि भाजपा 23 सदस्यों के साथ दूसरे नंबर पर है. जेड़ीएस के 13 सदस्य हैं और पांच सीटें निर्दलीयों के पास हैं. भाजपा के एक सदस्य के निधन के चलते एक सीट फिलहाल खाली है. सभापति डीएच शंकरमूर्ति को हटाने के लिए कांग्रेस के वीएस उगरप्पा ने प्रस्ताव पेश किया था. जेडीएस नेता और उप सभापति मैरीथिब गौड़ा ने इसे मतदान के लिए सदन के समक्ष रखा था. लेकिन एक वोट से मात खाने के चलते सत्ताधारी पार्टी की फजीहत हो गई.

इस पूरे खेल में जेडीएस में नंबर दो एचडी कुमारस्वामी की मुख्य भूमिका रही. पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने अपने पिता एचडी देवगौड़ा को चुनौती देते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया. बुधवार तक भी देवगौड़ा कह रहे थे कि उनकी पार्टी कांग्रेस और भाजपा दोनों से बराबर दूरी बनाकर चलेगी. …