भोपाल। परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते कमर्शियल वाहनों से टैक्स न लेने से शासन को 20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। दरअसल विभाग के दो दर्जन कार्यालयों की टैक्स वसूली को मिलाया गया, तो उसमें 20 करोड़ का अंतर आया। कैग ने जांच में पता चला अफसरों ने वाहनों से कम टैक्स वसूला, जिसके चलते ये अंतर आया। वह भी 3 लाख से ज्यादा प्रकरणों में ये लापरवाही बरती गई, वहीं मामले को लेकर कैग ने विभाग से जवाब मांगा तो विभाग वो भी नहीं दे पाया।

1598 वाहनों से भूले टैक्स लेना

रिपोर्ट के अनुसार (मई 2014 से मार्च 2015) परिवहन विभाग के 23 परिवहन कार्यालयों ने 1598 वाहनों से टैक्स लेने की कवायद ही नहीं की। यहीं नहीं टैक्स नहीं देने वाले वाहन चालकों पर शास्ति लगाना भी जरूरी नहीं समझा, जिसके चलते शासन को 7 करोड़ 12 लाख 98 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। इसमें 349 बसें, 582 माल वाहन, 134 मैक्सी कैब/टैक्सी कैब, 525 अर्थ मूवर्स/हार्वेस्टर और 8 स्लीपर बसें शामिल हैं। दिलचस्प बात है कि ना तो वाहन स्वामियों ने टैक्स भरने की जहमत उठाई और ना ही अधिकारियों को इनसे टैक्स वसूलने की याद आई।

नए वाहनों का ध्यान नहीं

रिपोर्ट बताती है परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग में लापरवाही का आलम है कि जून 2014 से मार्च 2015 के बीच बेचे गए वाहनों की संख्या ही नहीं मालूम। इसके चलते शासन को वाहनों से (दो पहिया वाहन से 50 व कारों से 200 रुपए) मिलने वाला व्यापार शुल्क जो 2 करोड़ 6 लाख रुपए होता, नहीं मिल पाया। जबकि अप्रैल 2011 से मार्च 2014 के बीच दो लाख 19 हजार 975 दो पहिया वाहन व 58 हजार 830 चार पहिया वाहन रजिस्टर्ड हुए और विभाग सिर्फ 12 हजार 567 दो पहिया वाहनों और 1469 चार पहिया वाहनांे से ही यह शुल्क वसूला गया। जिससे महज 4.22 लाख व्यापार शुल्क आया।

57 बसों में सीटें कम बता दी

रिपोर्ट के अनुसार विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कई जगह लोक सेवा वाहनों (बस) की बैठक क्षमता का गलत निर्धारण कर 57 वाहनों में कम टैक्स लगाया। इनमें 2 से 14 सीटें कम बताकर कम टैक्स लिया जिसके चलते करीब 30 लाख रुपए का नुकसान हुआ। इस गड़बड़ी की सूचना कैग ने कर निर्धारण अधिकारियों को भी दी, लेकिन उन्होंने जांच का आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। दोबारा पूछे जाने पर कोई जवाब ही नहीं दिया गया।

ऐसे हुआ 20 करोड़ का नुकसान

प्रकरण–वजह—राशि (करोड़ में)

16,800–लोक सेवा वाहनों पर वाहन कर एवं शास्ति का अनारोपण/ंकम आरोपण—11.68

1057–माल वाहनों पर वाहन कर एवं शास्ति का अनारोपण/ंकम आरोपण–3.44

641–मैक्सी कैब वाहनों पर वाहन कर एवं शास्ति का अनारोपण/ंकम आरोपण–2.11

3,30,743–व्यापार शुल्क व अन्य–2.79

पकड़े जाने पर करते हैं वसूली

*टैक्स को लेकर कम-ज्यादा वसूली होती रहती है, लेकिन इसे समय पर पूरा भी कर लिया जाता है। कई बस संचालक जान-बूझकर सीटें कम दिखाते हैं इसके चलते भी टैक्स कम लगाया जाता है। लेकिन जांच में पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ वसूली भी की जाती है।