गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और वायनाड से सांसद राहुल गांधी को दी गई विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) हटाए जाने को लेकर सियासी घमासान के बीच आज इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एसपीजी सुरक्षा अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया। इसके तहत अब एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके आवास में रहने वालों के लिए ही होगी। गर्मागर्म बहस के बाद बिल पास कर दिया गया। इस दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया।

गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा कि मैं विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम में संशोधन के साथ यहां आया हूं। संशोधन के बाद, इस अधिनियम के तहत, एसपीजी सुरक्षा केवल वर्तमान प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को दिया जाएगा जो प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ आधिकारिक तौर पर रहते हैं।

उन्होंने कहा कि साथ ही कोई पूर्व प्रधानमंत्री और उनका परिवार जो सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहते हैं, उन्हें भी पांच साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा प्राप्त होगी।

गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के इस कवर के लिए ‘स्पेशल’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह आदर्श रूप से प्रधानमंत्री के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शारीरिक सुरक्षा नहीं है। बल्कि उनके विभाग, स्वास्थ्य और अन्य लोगों के बीच संचार को भी सुरक्षा देना होता है।

कांग्रेस ने किया विरोध 

वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, एसपीजी सुरक्षा पाने वालों को जून में कहा गया था कि उनपर खतरा बढ़ गया है। मेरा सवाल है कि जून से नवंबर के बीच ऐसा क्या हो गया कि बिना कानून में संशोधन किए एसपीजी सुरक्षा हटा दी गई।

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इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि इस तरह की एक तस्वीर बनाने की कोशिश हो रही है कि सरकार गांधी परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं है और इसीलिए एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई है। उनकी सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि खतरे का आकलन करते हुए बदल दी गई है।

उन्होंने कहा, मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि इससे पहले एक परिवार की सुरक्षा को लेकर बदलाव किए जाते रहे थे। लेकिन यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए कानून में बदलाव किया गया है।

शाह ने कहा, चंद्रशेखर जी की सुरक्षा ले ली गई कोई कांग्रेस कार्यकर्ता कुछ नहीं बोला, नरसिम्हा राव की सुरक्षा चली गई किसी ने चिंता नहीं जताई, आई के गुजराल की सुरक्षा खतर के आकलन के बाद वापस ले ली गई। चिंता किसकी है, देश के नेतृत्व की या एक परिवार की? गांधी परिवार कई मौकों पर बिना सूचना दिए दौरों पर रहा। ऐसा करीब 600 बार हुआ। कौन सा सीक्रेट छुपाया जा रहा था। राजनाथ जी को देखिए, कई सालों तक सुरक्षाकर्मी उन्हें टॉयलेट तक छोड़ने जाते थे लेकिन उन्होंने कभी भी कुछ नहीं कहा।

इसके जवाब में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों का हम समर्थन करते हैं। लेकिन आपके गृह मंत्री के भाषण से साफ है कि राजनीतिक बदला लिया जा रहा है। आप ऐसे परिवार को निशाना बना रहे हैं जिसने देश के लिए दो जानें दी हैं।

गौरतलब है कि जब केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया था कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, वायनाड सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से उनकी एसपीजी सुरक्षा वापस ली जाएगी तभी से इसे लेकर खूब हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार इनके जीवन से समझौता कर रही है।