एलआईसी के कर्मचारियों ने आईपीओ का किया विरोध, एक घंटे तक किया ‘वॉक आउट’ हड़ताल
कर्मचारी सरकार के एलआईसी में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए हिस्सेदारी बेचने का विरोध कर रहे हैं। यह ‘वॉक आउट हड़ताल’ कंपनी के देशभर में स्थित सभी कार्यालयों में हुई।
गौरतलब है कि शनिवार को आम बजट 2020-21 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार एलआईसी में आईपीओ के जरिए हिस्सेदारी बिक्री करेगी। अभी इसमें सरकार की 100 प्रतिशत भागीदारी है। कर्मचारी संगठन ने एक बयान में कहा कि एलआईसी को सूचीबद्ध कराने के प्रस्ताव पर तत्काल प्रतिक्रिया में अखिल भारतीय एलआईसी कर्मचारी फेडरेशन देश के सभी कार्यालयों में एक घंटे के लिए बाहर आकर हड़ताल (वॉकआउट) किया।
बयान में कहा गया है कि एलआईसी को सूचीबद्ध कराना राष्ट्रहित के खिलाफ है। देश के निर्माण में इसने अमूल्य योगदान दिया है। संगठन ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 की समाप्ति पर कंपनी के पास 28.28 लाख करोड़ का कोष और उसके प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों का मूल्य 31.11 लाख करोड़ रुपये था।
बयान में कहा गया है कि एलआईसी देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से एक है। इसके निजीकरण का कोई भी प्रयास देश के आम नागरिकों का भरोसा तोड़ने वाला काम होगा और यह वित्तीय संप्रभुता को प्रभावित करेगा।