निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण – फोटो : PTI फाइल फोटो
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट अगले साल एक फरवरी को पेश होगा। वहीं आर्थिक सर्वे 31 जनवरी को आएगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा कि बजट को पेश करने के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं।

2015-16 के बाद यह पहला मौका है जब बजट को शनिवार के दिन सदन में पेश किया जाएगा। अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में कई और रियायतों की घोषणा कर सकती हैं। यह सीतारमण का दूसरा बजट होगा।

बजट टीम को अभी तक नहीं मिले दो अफसर

भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली दूसरी सरकार की दूसरे बजट की तैयारियां जोरों पर है, लेकिन वित्त मंत्रालय की बजट तैयार करने वाली टीम में दो प्रमुख अधिकारियों की कमी बनी हुई है। इसमें एक पूर्णकालिक व्यय सचिव शामिल हैं।

छह साल के निचले 4.5 फीसदी के स्तर पर पहुंची आर्थिक विकास दर को रफ्तार देने के लिए ढांचागत सुधारों की दूसरी लहर की उम्मीद में एक फरवरी को पेश होने वाले बजट, 2020-21 का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। सरकार की बजट टीम में व्यय सचिव के अलावा संयुक्त सचिव (बजट) का पद लगभग तीन महीने से खाली पड़ा है। बजट तैयार करने के लिहाज से इन दोनों अधिकारियों को खासा अहम माना जाता है।

जी सी मुर्मू की हाल में गठित संघ शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल पद पर नियुक्ति के बाद से व्यय सचिव का पद खाली है। उन्होंने 29 अक्तूबर को पद छोड़ा था और तब से अतनु चक्रवर्ती को व्यय विभाग का अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है।

1985 बैच के आईएएस अधिकारी चक्रवर्ती वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव हैं। निवेश और सार्वजनिक संपदा प्रबंधन (डीआईपीएएम) में एक साल के कार्यकाल के बाद चक्रवर्ती को इस साल जुलाई में आर्थिक मामलों का सचिव नियुक्त किया गया था।

मूडीज ने भी दिया झटका

रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को झटका देते हुए साल 2019 के लिए विकास दर के अनुमान को घटा दिया है। एजेंसी ने भारत की विकास दर 5.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, एजेंसी के अनुसार, साल 2020 और 2021 में अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और विकास दर क्रमश: 6.6 फीसदी और 6.7 फीसदी रहेगी। मूडीज ने रिपोर्ट में कहा कि रोजगार की धीमी वृद्धि दर का उपभोग पर असर पड़ रहा है।

इसके साथ ही सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने भी शुक्रवार को विकास दर में कटौती कर इस वर्तमान वित्त वर्ष में पांच फीसदी रहने का अनुमान जताया है। पहले डीबीएस बैंक ने 5.5 फीसदी का अनुमान जताया था।

14 अक्तूबर से शुरू हुई थीं बजट की तैयारियां

वित्त मंत्रालय ने 14 अक्तूबर से 2020-21 के बजट की तैयारियों की कवायद शुरू की थीं। पिछले महीने कई विभागों और मंत्रालयों के साथ बैठक हुई हैं। व्यय सचिव द्वारा अन्य सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ चर्चा के बाद ही बजट को अंतिम रूप दिया जाएगा।

आर्थिक सुस्ती को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे बजट को खासा अहम माना जा रहा है। पिछले हफ्ते ही आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति में 2019-20 के लिए अपने विकास अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया था।

4.5 फीसदी पर भारत की जीडीपी

इससे पहले जारी किए गए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में सुस्ती गहराने के संकेत मिले हैं। जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी में सुस्ती दर्ज की गई है।