एक फरवरी को पेश होगा बजट, 31 जनवरी को आएगा आर्थिक सर्वे
2015-16 के बाद यह पहला मौका है जब बजट को शनिवार के दिन सदन में पेश किया जाएगा। अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में कई और रियायतों की घोषणा कर सकती हैं। यह सीतारमण का दूसरा बजट होगा।
बजट टीम को अभी तक नहीं मिले दो अफसर
छह साल के निचले 4.5 फीसदी के स्तर पर पहुंची आर्थिक विकास दर को रफ्तार देने के लिए ढांचागत सुधारों की दूसरी लहर की उम्मीद में एक फरवरी को पेश होने वाले बजट, 2020-21 का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। सरकार की बजट टीम में व्यय सचिव के अलावा संयुक्त सचिव (बजट) का पद लगभग तीन महीने से खाली पड़ा है। बजट तैयार करने के लिहाज से इन दोनों अधिकारियों को खासा अहम माना जाता है।
जी सी मुर्मू की हाल में गठित संघ शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल पद पर नियुक्ति के बाद से व्यय सचिव का पद खाली है। उन्होंने 29 अक्तूबर को पद छोड़ा था और तब से अतनु चक्रवर्ती को व्यय विभाग का अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है।
1985 बैच के आईएएस अधिकारी चक्रवर्ती वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव हैं। निवेश और सार्वजनिक संपदा प्रबंधन (डीआईपीएएम) में एक साल के कार्यकाल के बाद चक्रवर्ती को इस साल जुलाई में आर्थिक मामलों का सचिव नियुक्त किया गया था।
मूडीज ने भी दिया झटका
इसके साथ ही सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने भी शुक्रवार को विकास दर में कटौती कर इस वर्तमान वित्त वर्ष में पांच फीसदी रहने का अनुमान जताया है। पहले डीबीएस बैंक ने 5.5 फीसदी का अनुमान जताया था।
14 अक्तूबर से शुरू हुई थीं बजट की तैयारियां
आर्थिक सुस्ती को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे बजट को खासा अहम माना जा रहा है। पिछले हफ्ते ही आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति में 2019-20 के लिए अपने विकास अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया था।