साल में कुल 24 एकादशी आती है। इनमें देवीशयनी और देवप्रबोधनी एकादशी का बड़ा ही महत्व बताया गया है। कारण यह है कि देव देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु सोते हैं और देवप्रबोधनी के दिन जगते हैं।लेकिन इन दोनों एकादशियों के अलावा एक एकादशी है मोक्षदा एकादशी। यह एकादशी अपने नाम के अनुसार व्रती को मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है।हर साल यह एकादशी मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष में आती है। इस वर्ष यह तिथि 2 दिसंबर के दिन है। इस एकादशी का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन का मोह भंग करने के लिए मोक्ष प्रदायिनी श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति इस एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है और श्रीमद्भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करता है उसके कई जन्मों के पाप कट जाते हैं।