हिंसाग्रस्त इराक में हजारों भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से 40 भारतीय कामगारों को अगवा कर लिया गया है। हालांकि किसी गुट ने अभी न तो इसकी जिम्मेदारी ली है और न ही कोई मांग रखी है।केंद्र सरकार अगवा भारतीय कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इराक में भारत के पूर्व राजदूत सुरेश रेड्डी को समझौते के लिए भेजा गया है। रेड्डी को हाल ही में आसियान का विशेष दूत नियुक्त किया गया है। रेड्डी को इराक में अच्छे संपर्क होने के कारण यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश नीति के विशेषज्ञों और सुरक्षा सलाहकारों को स्पष्ट कहा है कि अगवा भारतीयों की सुरक्षित वापसी में कोई कोताही नहीं बरती जाए। उधर, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया है कि सरकार भारतीयों को इराक से लाने के लिए विशेष विमान भेजे। उधर विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि वह इस बात को पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि इन लोगों को अगवा किया गया है लेकिन यह बात भी सही है कि इनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। बताया गया है कि इराक से भारतीय नागरिकों को लाने के लिए वायुसेना तैयार है। उसे बस निर्देश का इंतजार है।

रिपोर्ट के मुताबिक इराक के मोसुल शहर में एक परियोजना के लिए काम कर रहे 40 भारतीयों को अगवा कर लिया गया है। अगवा भारतीय वहां निर्माण क्षेत्र के काम में लगे थे। इन्हें अगवा करने के पीछे इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड अल-शाम [आइएसआइएस] आतंकियों के हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इराक के मोसुल शहर से जब इन भारतीयों को निकाला जा रहा था, तभी इन्हें अगवा कर लिया गया। सुन्नी जेहादियों ने मोसुल शहर को अपने कब्जे में कर लिया था लेकिन स्थानीय कुर्द मिलिसिया ने आइएसआइएस के आतंकियों को खदेड़ कर इस शहर पर अपना कब्जा जमा लिया है।