anandi-story-647_020516052053अहमदाबाद। गुजरात में दलित आंदोलन को लेकर संकट झेल रहीं मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को अपने ही घेरने में जुटे हैं। दलित आंदोलन का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए एक मंत्री पर मुख्यमंत्री विरोधी मैसेज कराने का आरोप लग रहा है।

गुजरात में दो साल से अधिक सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री आनंदी बेन के सामने दलित उत्पीड़न के रूप में एक नया राजनीतिक संकट आ गया है। ओबीसी के तहत आरक्षण की मांग को लेकर पाटीदार समाज पिछले एक साल से आंदोलन कर रहा है।

अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ कि ऊना समढियाला गांव में दलितों से मारपीट की घटना ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। पाटीदारों की सरकार से नाराजगी के चलते कई मंत्री और भाजपा विधायक नाराज चल रहे हैं।

अब दलितों से मारपीट की घटना ने दलित मंत्री और विधायकों के भी हाथ बांध दिए हैं। एक मंत्री के आनंदी बेन के खिलाफ माहौल बनाने के लिए लाखों की संख्या में मैसेज कराने की बात सामने आ रही है।

पाटीदार और दलित भाजपा का कोर वोट बैंक है। इसमें लग रही सेंध के चलते भाजपा आलाकमान भी चिंतित है। भाजपा नेतृत्व ने दलित मारपीट की घटना पर एक स्वतंत्र रिकार्ड भी मंगाई है।

उधर कांग्रेस भाजपा सरकार पर हमलावर है। दलित घटना पर प्रधानमंत्री के बयान नहीं देने पर कांग्रेस ने सवाल भी उठाए हैं।