पटनाझारखंड में भाजपा विधायक दल के नेता के तौर पर रघुबर दास को चुने जाने पर जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि वहां आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की परंपरा को भाजपा ने तोडा है जिसका मतलब यह है कि आदिवासियों पर भाजपा को भरोसा नहीं है।बिहार विधान परिषद के मुख्य द्वार पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला और उसके बाद सरकार बनाने का उसका अधिकार बनता है। उसने अपने विधायक दल का नेता (रघुबर दास) तय कर दिया है।उन्होंने कहा कि जब से झारखंड का गठन हुआ है यह परंपरा रही है कि वहां आदिवासी समाज का कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बने। इसकी एक पृष्ठभूमि है। नीतीश ने कहा कि बिहार-झारखंड एक था तो अलग झारखंड राज्य निर्माण के लिए जो आंदोलन चलता रहा उसकी एक मूल भावना थी और उसी का सम्मान करते हुए वहां अबतक चाहे जिस गठबंधन की सरकार बनी, परंपरा के तौर पर आदिवासी को ही मुख्यमंत्री बनाया गया। इस परंपरा को भाजपा ने तोड़ दिया। इसका मतलब यही निकलता है कि उसका आदिवासियों पर भरोसा नहीं। उन्होंने बताया कि बिहार में रहते हुए जिस ढंग झारखंड के गठन की मांग ने जोर पकडा और आखिर में उसका गठन हुआ अब वैसी ही स्थिति झारखंड में बनने जा रही है। नीतीश ने कहा कि जिस प्रकार से झारखंड के लोग बिहार में असहज महसूस करते हुए अलग हो गए अब ऐसा लग रहा है कि वहां के मूल वासी अपने को असहज महसूस करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा निर्णय लेकर भाजपा ने वहां एक नए अंतरविरोध की बुनियाद रख दी है और ऐसा करके उसने अपने स्वभाव का ही परिचय दिया है। उनका काम समाज को जोड़ना नहीं तोड़ना है और अब झारखंड में समाज को तोडने की शुरूआत हो गई है।