कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी ने 25 दिसंबर 2017 को इस्लामाबाद में मुलाकात की थी। -फाइलकुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी ने 25 दिसंबर 2017 को इस्लामाबाद में मुलाकात की थी। -फाइल

नई दिल्ली. भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। इस पर गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में बयान दिया। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि हम एक बार फिर पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वह कुलभूषण को तत्काल रिहा करे। भारत सरकार उनकी सुरक्षा और बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास करती रहेगी।

  • राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, ”मुझे खुशी है कि आईसीजे के फैसले को लेकर पूरा सदन एकजुट है। आशा है कि जब तक कुलभूषण जाधव की रिहाई नहीं होती हम अपने प्रयास जारी रखेंगे।”
  • जयशंकर ने कहा कि सरकार जाधव के परिवार के साथ खड़ी है, उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में हिम्मत से काम लिया। इसी सदन में कुलभूषण की सजा के खिलाफ आईसीजे में अपील करने पर सहमति बनी थी। अब कोर्ट ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि कूलभूषण को तुरंत काउंसलर एक्सेस मुहैया कराई जाए।
  • जयशंकर ने कहा, ”पाकिस्तान ने हमें कुलभूषण से बात करने, मुलाकात और कानूनी मदद पहुंचाने से रोका है। उन पर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं। किसी निर्दोष व्यक्ति से जबरन कबूल करवाने से सच्चाई नहीं बदल जाती है। हम एक बार फिर पाकिस्तान से कहते हैं कि कुलभूषण को तत्काल रिहा कर दिया जाए। हम उनकी बेहतरी के लिए प्रयास करते रहेंगे।”

आईसीजे के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी की सजा निलंबित कर दी थी। कोर्ट के अध्यक्ष जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कहा था कि जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार नहीं कर लेता, फांसी पर रोक जारी रहेगी।

पाक ने विएना संधि का उल्लंघन किया- आईसीजे
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कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ा। उन्होंने 42 पन्नों के फैसले में कहा कि पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी।
2. आईसीजे ने कहा- पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्यूलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया। पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्यूलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया।
3. जजों ने कहा- पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा। भारत ने कई बार कॉन्स्यूलर एक्सेस के लिए अपील की, जिस पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। यह एक निर्विवाद तथ्य है कि पाकिस्तान ने भारत की अपील नहीं मानी।
4. “पाकिस्तान विएना संधि के तहत कुलभूषण की गिरफ्तारी और उसके कारावास के संबंध में भारत को जानकारी देने के लिए बाध्य था। पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी देने में तीन हफ्ते की देरी कर दी, यह भी विएना संधि की शर्तों का उल्लंघन है। पाकिस्तान यह नहीं स्पष्ट कर पाया कि कथित तौर पर भारत की किसी गड़बड़ी की वजह से उसने खुद को संधि की शर्तों को पूरा करने से खुद को रोक लिया।’
5. अंतरराष्ट्रीय कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने कहा- कोर्ट ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आर्टिकल 36(1) यानी कॉन्स्यूलर एक्सेस दिए जाने के उल्लंघन के संदर्भ में अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।

20 साल में दूसरा मौका जब इंटरनेशनल कोर्ट में भारत से हारा पाकिस्तान
10 अगस्त 1999 को वायुसेना ने गुजरात के कच्छ में पाकिस्तान नेवी के एयरक्राफ्ट एटलांटिक को मार गिराया था। इसमें सवार सभी 16 सैनिकों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान का दावा था कि एयरक्राफ्ट को उसके एयरस्पेस में गिराया गया। उसने इस मामले में भारत से 6 करोड़ डाॅलर मुआवजा मांगा था। आईसीजे की 16 जजों की बेंच ने 21 जून 2000 को 14-2 से पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया था। इसके बाद यह दूसरा मौका है, जब पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय अदालत में हार हुई है और कोर्ट ने उससे जाधव की फांसी की सजा पर पुनर्विचार करने को कहा है।