पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि राष्ट्रीय कार्रवाई योजना को लागू करने से संबंधित तैयार किए गए मसौदे पर अब बहस की कोई गुंजाइश नहीं है।जबकि थल सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने कहा है कि सेना नहीं चाहती थी कि विशेष अदालतों का गठन हो लेकिन इन हालात में ये जरूरी है। जनरल राहील शरीफ ने कहा,”उम्मीद है राजनीतिक सहमति को छोटी बातों के लिए तोड़ा नहीं जाएगा।”शुक्रवार को इस्लामाबाद स्थित प्रधानमंत्री निवास में हुए इस सम्मेलन में मंत्रियों के अलावा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की ओर से सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और विपक्ष के नेता खुर्शीद शाह, एमक्यूएम की ओर से फारूक सत्तार, जबकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की ओर से इमरान खान, शीरीन मजारी और शाह महमूद कुरैशी ने भाग लिया।

इसके अलावा बैठक में देश के सैन्य नेतृत्व और सेना की खुफ‌िया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि पिछले 15 दिनों में इस मसौदे पर राजनीतिक नेतृत्व, संबंधित समितियों और राजनीतिक दलों के कानून विशेषज्ञों ने काफी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्रवाई योजना पर राजनीतिक नेतृत्व के अलावा सैन्य अधिकारियों ने भी काम किया है जिस पर गुरुवार की बैठक में परामर्श भी हुआ। अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने इच्छा जताई कि वो इस इंतजार में हैं कि पाकिस्तान के इतिहास में वह दिन आए जब लोगों को किसी से कोई खतरा न हो।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में कई राजनीतिक और कानून विशेषज्ञ देश में सिविल अदालतों के रहते हुए समानांतर सैन्य अदालतों की स्थापना की आलोचना कर रहे हैं।