एचटी फाइल फोटो

बीस दिन तक ना-नुकुर करने के बाद आखिरकार राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षण परिषद (एनसीटीई) ने कहा है कि वह प्राइमरी शिक्षक के लिए होने वाले केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) में बीएड की डिग्री को अर्हता मानेगा। एनसीटीई ने इसके लिए तीन दिन का समय मांगा है। ‘हिन्दुस्तान’ ने 18 अगस्त के अंक में खुलासा किया था कि बीएड पास उम्मीदवार भी पहली से पांचवी कक्षा के लिए होने वाले सीटेट का पेपर दे सकेंगे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मसले पर दायर एक याचिका में सोमवार को एनसीटीई का पक्ष रखते हुए संस्था के एडवोकट भानुप्रताप सिंह ने कहा कि प्राइमरी शिक्षक के लिए होने वाले सीटेट में बीएड उम्मीदवारों को शामिल करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश तीन दिन के भीतर अधिकृत संस्था (सीबीएसई) को जारी कर दिए जाएंगे। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि एनसीटीई के इस रुख के बाद याचिकाकर्ता की शिकायत दूर हो गई है, ऐसे में इस याचिका का निपटारा किया जाता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यहां कहने की जरूरत नहीं है कि जो भी बीएड डिग्रीधारी अंतिम तारीख से पहले सीटेट के लिए आवेदन करता है, उसका आवेदन स्वीकार किया जाएगा।

मालूम हो, बीते जून महीने में एनसीटीए द्वारा बीएड को पहली से पांचवी तक शिक्षण करने के लिए योग्य घोषित करने के बाद भी सीटेट में बीएड छात्रों को न बैठने देने के सीबीएसई के फैसले का बीएड उम्मीदवार लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। खास बात ये है कि एनसीटीए और सीबीएसई दोनों संस्थाओं की चेयरपर्सन एक ही हैं।

 

बीएड वालों को भी मिलेगा सीटीईटी में मौका

सीटीईटी में बीएड वालों को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए तीन दिन में अधिसूचना जारी होने जा रही है। एनसीटीई के इस आश्वासन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीटीईटी में बीएड को भी शामिल करने की मांग में दाखिल याचिका निस्तारित कर दी।

यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने दिया है। कोर्ट ने कहा कि बीएड डिग्रीधारक अंतिम तिथि तक आवेदन कर देते हैं तो उनके आवेदन पर विचार किया जाए। भानु प्रताप यादव व अन्य की याचिका में कहा गया था कि सीटीईटी में बुलेटिन जारी किया, जिसमें टीईटी में बैठने के लिए 50 फीसदी अंक के साथ स्नातक व बीएड को अर्हता में शामिल किया गया। कुछ ही समय बाद यह बुलेटिन हटा ली गई। दो घंटे बाद केवल स्नातक 50 फीसदी अंक के साथ अर्हता की बुलेटिन जारी की गई, बीएड हटा लिया गया। इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए संक्षिप्त जवाब मांगा था।