दुष्कर्म मामलों में जेल की हवा खा रहे आसाराम और नारायण साई के खिलाफ सूरत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस को अहमदाबाद के एक फ्लैट से 42 बोरों में नारायण साई और आसाराम के काले कारोबार से जुड़े कागजात मिले हैं। गुरुवार को सूरत के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि बरामद दस्तावेजों के मुताबिक बैंक खातों के अलावा शेयर, डिवेंचर और सरकारी बांड सहित विभिन्न निवेश विकल्पों का मूल्य करीब 10 हजार करोड़ रुपये है। अभी उनके और करीबियों के नाम पर दर्ज जमीनों का मूल्यांकन नहीं किया है।

जमीनों और कई अन्य चीजों के मूल्यांकन के बाद उनकी कुल संपत्ति 10 हजार करोड़ से कई गुना ज्यादा होगी। गौरतलब है कि इन्हीं दस्तावेजों को हासिल करने के लिए आसाराम और नारायण साई ने सूरत पुलिस को 13 करोड़ रुपये घूस की पेशकश की थी।

नारायण साई सूरत में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद 58 दिन तक फरार रहा। सूरत पुलिस ने नारायण को पकड़ने के लिए देश भर में छापेमारी की। अस्थाना ने बताया कि 26 और 27 अक्टूबर, 2013 को अहमदाबाद में मारे गए छापे में 42 बोरे दस्तावेजों के अलावा छह हार्डडिस्क और एक सीपीयू बरामद हुआ था। इनसे बड़ी मात्रा में नकद, मनी लॉन्ड्रिंग, निवेश, जमीनों के सौदे और विदेशी विनिमय कानून के उल्लंघन का पर्दाफाश हुआ है। कई चीजों का मूल्यांकन करना अभी बाकी है।

उनका मूल्यांकन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेंगे, जिसके बाद आंकड़ा कहीं बड़ा हो जाएगा। गुजरात के 10 जिलों में 45 जगहों की जमीनों के अलावा चार राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के आठ जिलों की 33 जगहों की 79 जमीनों पर इनका कब्जा है। आसाराम और नारायण साई ने न सिर्फ अपने नाम पर, बल्कि अपने करीबियों के नाम पर भी करोड़ों की संपत्ति अलग-अलग राज्यों में खरीदी है। कौशिक वाणी, भद्रेश पटेल, हेमंत बुलानी, गंगा, जमुना, अजय शाह, सुनील सेवानी और कैलाश मांगीलाल के नाम पर भी निवेश किया गया है।

हार्डडिस्क में मिली बैलेंस सीट से तकरीबन 3500 से चार हजार करोड़ के लेनदेन की जानकारी मिली है। दिए गए कर्ज पर ब्याज वसूली का पर्दाफाश भी हुआ है। अस्थाना के मुताबिक चेक, किसान विकास पत्र, म्युचल फंड निवेश का ब्योरा भी मिला है। एलआइसी, यूटीआइ के निवेश की जानकारी भी मिली है। इन सभी का मूल्य करीब छह हजार करोड़ है।

सूरत पुलिस के मुताबिक, विदेशी कंपनियों में निवेश, चेक और फॉरेन एक्सचेंज में 200 करोड़ का लेनदेन किया गया है। इसके अलावा करीब 800 से ज्यादा बैंक आकाउंट हैं तो दूसरों के नाम पर, लेकिन लेनदेन नारायण और आसाराम के मार्फत होता था, जिसका मूल्यांकन शेष है।

-सूरत पुलिस को अहमदाबाद के एक फ्लैट से मिले 42 बोरे कागजात

-छह हार्डडिस्क, एक सीपीयू में हजारों करोड़ के लेनदेन की जानकारी

-दस्तावेज हासिल करने को पिता-पुत्र ने की थी 13 करोड़ रुपये घूस की पेशकश

नामी-बेनामी जमीन-गुजरात के 10 जिलों में 45 जगहों की जमीनें

-अन्य चार राज्यों की 33 जगहों पर 79 जमीनें