शिवना में मार्च-अप्रैल तक का पानी
मंदसौर। पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए कलेक्टर ने शिवना क्षेत्र को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया। पेयजल स्रोत रामघाट व कालाभाटा बांध में मार्च-अप्रैल तक का ही पानी उपलब्ध है। लेकिन नपा जिम्मेदारों ने मामले में अब तक गंभीरता नहीं दिखाई है। कागजों में निरीक्षण दल गठित कर औपचारिकता पूरी कर दी। वर्तमान में पशुपतिनाथ मंदिर से लेकर मिरजापुरा बांध तक जगह-जगह किसानों द्वारा नदी में मोटर डाल कर सिंचाई की जा रही है। इससे जल स्तर कम होता जा रहा है।
पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-3 के तहत श्रीपशुपतिनाथ मंदिर पुलिया से रामघाट तक तथा रामघाट से कंथार बांध तक शिवना नदी के दोनों किनारों से 200 मीटर की परिधि तक सिंचाई के लिए पानी लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध बुगलिया नाला एवं तेलिया तालाब पर भी लागू किया गया है। लेकिन नपा के जिम्मेदार समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। नपा ने निरीक्षण दल का गठन किया है। अभी भी पशुपतिनाथ मंदिर से लेकर मिरजापुरा बांध क्षेत्र तक लगभग तीन किमी के क्षेत्र में ही लगभग सात से आठ जगह मोटर लगाकर पानी की चोरी की जा रही है। लेकिन अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। नदी पर रामघाट, कालाभाटा व कंथार बांध में पर्याप्त पानी नहीं है। ऐसे में पानी की चोरी होने के कारण जलस्तर लगातार गिर रहा है। वहीं शहर के संजीत नाका व अभिनंदन क्षेत्र में लोग घरों में बने कुओं पर निर्भर हैं। क्षेत्रवासी सत्यनारायण चौहान, भंवर पांडे, राजकुमार शर्मा के अनुसार एक माह में कुओं का जल स्तर एक से डेढ़ फीट कम हो गया है।
मार्च से अप्रैल तक का पानी
नपा अधिकारियों के अनुसार हर वर्ष अक्टूबर तक शिवना में बहते पानी से ही पेयजल सप्लाय हो जाता था। इसके बाद रामघाट व कालाभाटा में पानी संग्रहित कर पेयजल सप्लाय किया जाता था। लेकिन इस वर्ष अगस्त से ही संग्रहित पानी से सप्लाय किया जा रहा है। यदि बरसात नहीं हुई व शिवना में प्रवाह नहीं बना तो नपा शहर को मार्च से अप्रैल 2016 तक ही पेयजल सप्लाय कर पाएगी।
अगस्त में लगाना पड़े कड़ी शटर
नपा सहायक यंत्री सुधीर जैन के अनुसार हर साल शिवना में सितंबर व अक्टूबर तक प्रवाह बना रहता है। 15 अक्टूबर तक बांध पर कड़ी शटर लगाए जाते हैं। लेकिन इस वर्ष कम समय में ही अधिक बरसात होने के बाद लंबी खेंच के कारण जुलाई में ही शिवना नदी में प्रवाह बंद हो गया। पेयजल संग्रहण के लिए अक्टूबर में लगाए जाने वाले कड़ी शहर अगस्त में ही लगाने पड़ गए।
चंबल का पानी लाएंगे
– पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत आदेश जारी कर दिए हैं। इस वर्ष पेयजल संकट की पूरी आशंका है। इसके लिए अभी से सतर्क होना होगा। चंबल योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। पूरा प्रयास किया जाएगा की 2016 की गर्मी से पहले चंबल का पानी शहर लाया जाए। पानी चोरी रोकने के लिए नपा अधिकारियों को निर्देश जारी करता हूं।- स्वतंत्रकुमार सिंह, कलेक्टर
दल गठित किए
इस वर्ष जुलाई में ही नदी में पानी का बहाव बंद हो गया जबकि हर वर्ष सितंबर-अक्टूबर तक बहाव बना रहता है। अभी मार्च-अप्रैल तक का पानी उपलब्ध है। जल संकट को देखते हुए शिवना से पानी चोरी पर रोक लगाने के लिए दल गठित कर दिए हैं। दल में चार सदस्य रहेंगे, जो पंद्रह-पंद्रह दिन तक निरीक्षण करेंगे। वहीं नदी किनारे के विद्युत कनेक्शन काटने के लिए विविकं को पत्र जारी कर दिया है।- सुधीर जैन, सहायक यंत्री, नपा